Delhi News: नजफगढ ड्रेन (Najafgarh Drain) जो कभी साहिबी नदी (Sahibi River) के रूप में बहा करती थी. उसे वापस उसके मूल स्वरूप में लौटा कर इसमें शुरुआत में माल ढोने और फिर बाद में सवारियों को लाने-ले जाने के लिए नाव चलाने के उद्देश्य से उराज्यपाल वीके सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) के निर्देश पर 18 किलोमीटर तक नजफगढ ड्रेन की सफाई की जा चुकी है. पिछले छह महीने से इसकी सफाई का काम चल रहा है. 


आगे जून तक इसकी 40 कीलोमीटर तक सफाई की जानी है, जिससे इस ड्रेन में बिना किसी रुकावट के नाव चल सके. उपराज्यपाल की इस अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना में इस ड्रेन को माल ढुलाई के लिए एक वैकल्पिक परिवहन मार्ग बनाने के साथ इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने की है. इसके लिए तिमारपुर से नजफगढ के बीच 18 किलोमीटर की सफाई का काम पूरा किया जा चुका है.


दिल्ली सरकार ने नाव खरीदने के लिए बजट देने से किया मना


इस परियोजना को गणतंत्र दिवस पर ही क्रियान्वित किये जाने की योजना थी, जो सफल नहीं हो पाई. लेकिन अब, जब नाव चलाने के लिए ये ड्रेन तैयार है, तो उपराज्यपाल की नाव, दिल्ली सरकार के भंवर में फंसती नजर आ रही है. दरअसल, इस योजना का बाढ़ और सिंचाई नियंत्रण विभाग के सहयोग से क्रियान्वयन होना है और ये विभाग दिल्ली सरकार के अधीन है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने इस ड्रेन में चलाने के लिए नाव खरीदने से ही मना कर दिया.


हालांकि, दिल्ली सरकार द्वारा मना करने के बावजूद उराज्यपाल अपनी इस परियोजना को आगे बढ़ाने में लगे हैं. अब उन्होंने ड्रेन में नाव चलाने के लिए नेवी से संपर्क किया है. राजनिवास से मिली जानकारी के अनुसार, नेवी से इसके लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. जिसके बाद से उराज्यपाल इस ड्रेन को 40 किलोमीटर तक साफ किये जाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे नाव चलाने में कोई दिक्कत ना आए. ऐसे में संभावना जाहिर की जा रही है, की अगले दो-तीन महीनों में इस ड्रेन में नाव चल सकती है.


बिजली पैदा करने की संभावनाओं की भी तलाश


राजनिवास से मिली जानकारी के अनुसार, उपराज्यपाल की इस परियोजना के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बजट देने से मना करने के बाद नेवी से इसके लिए संपर्क किया गया. इस ड्रेन से बिजली पैदा करने की भी संभावनाओं को तलाशा जा रहा है, क्योंकि इस ड्रेन में 5 वेलोसिटी की रफ्तार से पानी बहता है और इस रफ्तार की पानी से बिजली पैदा की जा सकती है.


वहीं उराज्यपाल की इस परियोजना पर दिल्ली सरकार ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि हमारा ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और अगर उपराज्यपाल को पिकनिक मनाना है, तो वो अपने पैसों से मनाएं.


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