Delhi: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दलीलें सुनने के लिए सूचीबद्ध किया है. शरजील इमाम ने मामले में गुजरी अवधि के आधार पर जमानत मांगी है. वह जनवरी 2020 से हिरासत में हैं. शरजील इमाम दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश मामले में भी आरोपी हैं.


शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की ओर से शुरू में देशद्रोह के अपराध के लिए दर्ज किया गया था. बाद में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 लागू की गई. वह 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में है और उसका तर्क इस दावे पर केंद्रित है कि उसने यूएपीए की धारा 13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है.


दिल्ली पुलिस ने किया था विरोध


इससे पहले कोर्ट में जब शरजील इमाम के वकील ने अदालत के सामने यही तर्क रखा, तो दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक नहीं, कई अपराध हैं. उनके आवेदन के अनुसार, उन्होंने न्यायिक हिरासत में तीन साल और छह महीने बिताए हैं और इस प्रकार उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए के तहत जमानत का हकदार होना चाहिए. आवेदन में कहा गया है कि इमाम अपनी रिहाई पर विश्वसनीय जमानत देने और किसी भी शर्त का पालन करने को तैयार है.


हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिया था ये निर्देश


गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी महीने पुलिस को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया था कि शरजील इमाम की भूमिका उन आरोपियों से अलग क्यों है, जिन्हें दिल्ली दंगों की साजिश मामले में जमानत दी गई है. आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जून 2021 में हाईकोर्ट ने साजिश मामले में जमानत दे दी थी.


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