देशभर में पीएम-सीएम को हटाने वाले 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इस बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कानून को सही साबित करना नहीं है. इसका मकसद संवैधानिक नैतिकता के सिद्धांतों को कायम रखना नहीं है और यह सरकार संवैधानिक नैतिकता की बात करने वाली कौन होती है? सभी जानते हैं कि आप कितने पानी में हो.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने उदाहरण देते हुए केंद्र पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ''क्या हमारे गृह मंत्री महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने के तरीके के संदर्भ में संवैधानिक नैतिकता के बारे में बोल सकते हैं? क्या वो उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करने के तरीके को लेकर वो जवाब देंगे?. कर्नाटक, गोवा समेत कई उदाहरण भरे पड़े हैं.'' 

'आप लालच देते हैं और संवैधानिक नैतिकता की बात करते हैं'

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने आरोप लगाते हुए आगे कहा, ''आप लोगों को खरीदते हैं, आप उन्हें पोस्टिंग की लालच देते हैं, आप उन्हें मंत्री पद या राज्यसभा सदस्य बनने की पेशकश करते हैं और फिर आप संवैधानिक नैतिकता की बात करते हैं. मुझे नहीं लगता कि भारत के इतिहास में इससे अनैतिक सरकार किसी ने देखी है.'' 

अब हर कोई वास्तविकता जानता है- कपिल सिब्बल

उन्होंने ये भी कहा, ''अब हर कोई वास्तविकता जानता है. सभी जानते हैं कि आप कितने पानी में हो. आप लोगों का ध्यान दूसरे मुद्दों की ओर मोड़ना चाहते हैं, लेकिन अब स्थिति अलग है. आप कुछ वक्त के लिए कुछ लोगों को मूर्ख बना सकते हैं. आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते. भारत के भविष्य का ध्यान रखना चाहिए.''

पीएम-सीएम को हटाने वाला विधेयक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए बुधवार (20 अगस्त) को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए थे, जिसका विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध किया और मसौदा कानून की प्रतियां फाड़ दीं.  ये तीन विधेयक हैं- केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक 2025,  संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025.