Delhi News: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा छात्रों की वैज्ञानिक कौशल को उभारने के लिए 5 दिसंबर से दो दिवसीय वार्षिक विज्ञान मेले का आयोजन किया गया. जय सिंह रोड स्थित एनडीएमसी के कन्वेंशन सेंटर में नई दिल्ली के स्कूलों के वार्षिक विज्ञान मेले का उद्घाटन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया. विज्ञान मेला 6 दिसंबर दोपहर 3 बजे तक चलेगा. इसमें एनडीएमसी स्कूलों के उभरते वैज्ञानिकों के बनाए मॉडल और चार्ट का प्रदर्शन किया जाएगा. 


विज्ञान मेले में एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव, उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय, एनडीएमसी की सदस्य विशाखा शैलानी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक और अभिभावक भी शामिल हुए. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के साथ भारत के भविष्य के विकास को आगे बढ़ाने पर जोर है. आगामी वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भारत की वैज्ञानिक क्षमता की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है. 


इस विषय पर केंद्रित है विज्ञान मेला


इस बार विज्ञान मेले का विषय "प्रौद्योगिकी और खिलौने" हैं. एनडीएमसी स्कूलों के अलावा, इसमें सेंट कोलंबस, सेंट थॉमस, मॉडर्न स्कूल, सरदार पटेल सहित कुछ पब्लिक स्कूल, नेशनल साइंस सेंटर, साइंस मैगजीन-साइंस रिपोर्टर और अविष्कार जैसी पत्रिकाएं भी विज्ञान मेले में भाग लेने वालों में शामिल हैं. विज्ञान खेल, प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, स्वास्थ्य मेला, विज्ञान खिलौने आदि इस वार्षिक विज्ञान मेले के मुख्य आकर्षण हैं. यह विज्ञान प्रदर्शनी कार्यक्रम सभी स्कूलों के छात्रों, माता-पिता, अभिभावकों, शिक्षकों, स्कूल प्रशासकों और विज्ञान के प्रति रखने वाले लोगों के लिए नि:शुल्क है. 


विशेषज्ञों के साथ लाइव साइंस टॉक 


नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के इस विज्ञान मेले में 60 से अधिक मॉडल्स  प्रदर्शित किए गए हैं जो भविष्य के वैज्ञानिकों के वैज्ञानिक स्वभाव, योग्यता और नवीन दिमाग को प्रदर्शित करते हैं. विज्ञान-गणित के आविष्कारी प्रदर्शन, पालिका टिंकरिंग लैब, अटल टिंकरिंग लैब के प्रदर्शन, और विज्ञान के साथ मनोरंजन, चमत्कारों के पीछे का विज्ञान पर छात्रों के लिए इंटरेक्टिव कार्यशालाएं और राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र के साथ विज्ञान के चमत्कारों की खोज भी विज्ञान में शामिल किए गए हैं. मेले में विज्ञान पत्रिकाओं का प्रदर्शन और "डू इट योरसेल्फ" (डीआईवाई) जोन भी शामिल है. विज्ञान मेले की असाधारण विशेषताओं में से एक क्षेत्र के प्रमुख वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ "लाइव साइंस टॉक भी किया जा रहा है.


आत्मनिर्भर भारत की समझ पैदा करना मेले का मकसद


एनडीएमसी की इस विज्ञान प्रदर्शनी का मकसद बच्चों को आत्मनिर्भर भारत के बारे में शिक्षित करना और आजादी का अमृत महोत्सव की अहमियत से रूबरू कराना है. विशेष रूप से यह विशाल आयोजन महामारी के कारण तीन साल के अंतराल के बाद विज्ञान प्रदर्शनी की फिर से शुरुआत का प्रतीक है.


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