Jamia Millia Islamia: जामिया मिलिया इस्लामिया ने 20 कार्यक्रमों को छोड़कर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) को लागू नहीं करने का फैसला किया है. विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव के लिए समय की कमी का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार ये बात कही.


केवल 20 पाठ्यक्रमों में होगा सीयूईटी के जरिए दाखिला


इस साल बीएससी (ऑनर्स) फिजिक्स, बीएससी (ऑनर्स) केमिस्ट्री सहित बीस कोर्सों में सीयूईटी के जरिए प्रवेश की अनुमति होगी, जो पिछले शैक्षणिक वर्ष की तुलना में 10 अधिक है. विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र लिखकर नवीनतम निर्णय के बारे में सूचित किया है और यह भी अवगत कराया है कि वह शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी-यूजी लागू करेगा क्योंकि इसमें प्रवेश नियमों को बदलने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है. यूजीसी ने स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पिछले साल सीयूईटी की शुरुआत की थी.


15 पाठ्यक्रम यूजी के और पांच पीजी के 


जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने हालांकि अपने सभी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी को नहीं अपनाया. हाल ही में, यूजीसी ने जामिया को शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी यूजी लागू करने के लिए कहा था. यूजीसी को अपने जवाब में, विश्वविद्यालय ने सूचित किया कि वह सीयूईटी यूजी और पीजी के माध्यम से केवल 20 पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेगा- 15 स्नातक पाठ्यक्रम और 5 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में.


अगले वर्ष यूजी में होगा पूरी तरह से सीयूईटी से दाखिला 


जेएमआई विश्वविद्यालय जहां लागू होता वहां विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा के जरिए तय निर्धारित योग्यता के आधार पर कई पाठ्यक्रमों में दाखिला लेता है, उसके बाद साक्षात्कार और या अन्य चीजे रखता है. जेएमआई के रजिस्ट्रार नाजिम हुसैन अल-जाफरी ने एजेंसी से कहा, हमें यूजीसी पत्र मिला है और हमने उन्हें जवाब दिया है कि इस वर्ष CUET को पूरी तरह से नहीं बल्कि 20 पाठ्यक्रमों के लिए अपनाया जाएगा क्योंकि विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव करने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है. लेकिन अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए हम CUET UG को लागू करेंगे. विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों में सभी प्रवेश सीयूईटी के माध्यम से लिए जाएंगे. हमने यूजीसी को इसके बारे में सूचित कर दिया है. 


अगले साल भी पीजी सीयूटीई लागू करने की नहीं है कोई योजना 


रजिस्ट्रार ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय का निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कार्यकारी परिषद ने फैसला किया कि इस वर्ष CUET को लागू करना संभव नहीं होगा क्योंकि कई पाठ्यक्रमों में प्रवेश साक्षात्कार के माध्यम से होता है. उन पाठ्यक्रमों में जिनमें साक्षात्कार की आवश्यकता नहीं है, हम उन पाठ्यक्रमों  सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश की अनुमति देंगें. चूंकि सीयूईटी पीजी अनिवार्य नहीं है, इसलिए विश्वविद्यालय के अगले शैक्षणिक वर्ष से भी इसे पूरी तरह से लागू करने की कोई योजना नहीं है.पिछले महीने, यूजीसी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया को पत्र लिखकर दोहराया था कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनिवार्य रूप से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अपनाना होगा. जेएमआई ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में दाखिले के लिए एक प्रॉस्पेक्टस भी जारी किया है. 


यूजी पाठ्यक्रम जिनमें सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश लिया जाएगा


बी.ए. (ऑनर्स (तुर्की भाषा और साहित्य), (ऑनर्स) संस्कृत, बी.ए. (ऑनर्स) फ्रेंच और फ्रैंकोफोन स्टडीज, बी.ए. (ऑनर्स) स्पेनिश और लैटिन अमेरिकी अध्ययन, बी.ए. (ऑनर्स) इतिहास, बी.ए. (ऑनर्स) हिंदी, बी.ए. (ऑनर्स) उर्दू, बी.ए. (ऑनर्स) कोरियाई भाषा, बी.ए. (ऑनर्स) फारसी, बी.एससी, बायोटेक्नोलॉजी, बी. वोक. (सोलर एनर्जी), बीएससी (ऑनर्स) फिजिक्स, बीएससी (ऑनर्स) केमिस्ट्री, बीएससी (ऑनर्स) एप्लाइड मैथमेटिक्स और बीए (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स.


सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश की अनुमति देने वाले पीजी पाठ्यक्रम 


एमए (फारसी), एमए (संस्कृत), एमए (शैक्षणिक योजना और प्रशासन), एम.एससी.(डिजास्टर मैनेजमेंट एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी (सेल्फ फाइनेंस) और पीजी डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट (सेल्फ फाइनेंस)


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