रेलवे द्वारा यात्री किराया बढ़ाने के फैसले पर राजनीति तेज हो गई है. विपक्षी दलों ने इसे महंगाई बढ़ाने वाला कदम बताते हुए आम आदमी पर बोझ करार दिया है. जबकि बीजेपी ने इसे जरूरी और बेहद मामूली बढ़ोतरी बताया है. सपा, कांग्रेस और बीजेपी के प्रवक्ताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने के बाद रेलवे के फैसले पर बहस शुरू हो गई है.

Continues below advertisement

रेल किराया में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि अच्छे दिन आ गए. उनके शासन में किसी भी आवश्यक वस्तु जरूरी व्यवस्थाओं से संबंधित दाम में बढ़ोतरी ही हुई है, कमी नहीं आई है. यही इन्होंने अच्छे दिन का वादा किया था. गरीब आदमी आज परेशान है और यह सरकार इसी तरह लोगों को राहत दे रही है.

हवाई सफर तो दूर की बात अब रेल का सफर भी मुश्किल- फखरुल हसन चांद

सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि बीजेपी ने वादा किया था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज से सफर करेगा. लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि हवाई सफर तो दूर, ट्रेन का सफर भी महंगा होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण हवाई किराया पहले ही आसमान छू चुका है और अब रेलवे किराया बढ़ाकर गरीब और मध्यम वर्ग पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है. ट्रेन से सफर करने वाला आम नागरिक है, लेकिन उसी पर टैक्स और किराया बढ़ाकर मार की जा रही है.

Continues below advertisement

गरीब और मध्यम वर्ग का सरकार ने रखा पूरा ध्यान- राकेश कुमार त्रिपाठी

वहीं बीजेपी प्रवक्ता राकेश कुमार त्रिपाठी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रेलवे का किराया काफी लंबे समय से नहीं बढ़ा था. जबकि यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं लगातार बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी बेहद मामूली है और सरकार ने पूरा ध्यान रखा है कि गरीब और मध्यम वर्ग पर इसका ज्यादा असर न पड़े.

एसी श्रेणी में 2 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया किराया

रेलवे की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, 215 किलोमीटर से अधिक दूरी की साधारण श्रेणी में यात्रा करने पर अब प्रति किलोमीटर 1 पैसा ज्यादा देना होगा. वहीं मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की नॉन-एसी श्रेणी में प्रति किलोमीटर 2 पैसे की बढ़ोतरी की गई है. एसी श्रेणी में भी किराया 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है. हालांकि राहत की बात यह है कि साधारण श्रेणी में 215 किलोमीटर तक की यात्रा पर कोई किराया नहीं बढ़ेगा. उदाहरण के तौर पर 500 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा पर यात्रियों को अब लगभग 10 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे.

पेंशन पर खर्च 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा

रेलवे का कहना है कि इस नए फेयर स्ट्रक्चर से चालू वित्त वर्ष में करीब 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है. रेलवे ने किराया बढ़ाने के पीछे बढ़ती लागत को वजह बताया है. विभाग के अनुसार, रेलवे की मानव संसाधन लागत बढ़कर 1,15,000 करोड़ रुपये हो चुकी है. जबकि पेंशन पर खर्च 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. साल 2024-25 में रेलवे की कुल परिचालन लागत 2,63,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इसी वजह से किराया ढांचे में बदलाव जरूरी बताया गया है.

ये भी पढ़िए- हिजाब विवाद: डॉक्टर नुसरत परवीन ने नहीं ज्वाइन की नौकरी, अब नीतीश सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला