बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई हत्या को लेकर देश-विदेश में रोष है. इस जघन्य घटना पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे इंसानियत को शर्मसार करने वाली और बेहद अफसोसनाक घटना बताया.

Continues below advertisement

डॉ. इलियासी ने अपने बयान में कहा, “बहुत ही दुखद घटना है. बहुत अफसोसनाक है. इंसानियत शर्मसार हुई है. इंसानियत का खत्ल है. जिस तरह से बांग्लादेश के अंदर लगातार हिंदुओं के ऊपर हमले हो रहे हैं, बहुत, बहुत दुखद घटना है. खास तौर पर अभी जिस तरह से जिस बच्चे को उन्होंने जिस बर्बरता के साथ उसकी हत्या करी और हत्या करक उसे को जिस तरह से पेड़ पर लटका कर, जिस तरह से उसके साथ व्यवहार किया गया, बहुत दुखद है.”

उन्होंने आगे बांग्लादेशियों से सवाल करते हुए कहा, “मैं पूछना चाहता हूं बांग्लादेशियों से, वह बांग्लादेशी जिनके ऊपर हमेशा से भारत ने एहसान किया. वह एहसान फरामोश बांग्लादेशी भूल गए कि जिस तरह से भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर हो या कोई भी आर्थिक मदद हो, हर तरह से भारत उनके साथ खड़ा रहा.”

Continues below advertisement

मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी पर सवाल

डॉ. इलियासी ने अंतरराष्ट्रीय और मुस्लिम संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “कहां गई वो ह्यूमन राइट्स की ऑर्गनाइजेशन्स, जो इंसानियत के लिए, ह्यूमन राइट्स के लिए आवाज उठाती हैं. आज क्यों नहीं बोल रही? जिस तरह से बर्बरता के साथ वहां हिंदुओं का कट्लेआम किया जा रहा है, बहुत दुखद बात है.”

उन्होंने यूएनएचआरसी से अपील करते हुए कहा कि बांग्लादेश में तुरंत दखल दिया जाए. उन्होंने इस्लाम की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा, “मैं उनसे ये पूछना चाहता हूं कि वो कौन सा इस्लाम अपना रहे हैं?क्या इस्लाम इसकी इजाजत देता है? ये इस्लाम के मानने वाले नहीं हो सकते. इस्लाम बचाने का नाम है. इस्लाम माफ करने का नाम है.”

पीएम मोदी और गृह मंत्री से अपील

डॉ. इलियासी ने भारत सरकार से भी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और अत्याचारों को फौरन रोका जा सके.