Delhi News: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा की सुविधा के साथ सफर के लिए पहुंचने वाले यात्रियों के पास अब स्मार्ट फोन का होना जरूरी नहीं है. अब यात्री बिना स्मार्ट फोन के भी डिजी यात्रा सुविधा का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए IGI एयरपोर्ट दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) की ओर से फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लगाया गया है.


इस तकनीक के कारण अब वे लोग जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं वे भी डिजी यात्रा ऐप का उपयोग कर पाएंगे. डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार के अनुसार दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डायल का नियमित प्रयास जारी है. यह नई पहल उन लोगों को भी डिजी यात्रा का पूरा इस्तेमाल करने और निर्वाध रूप से यात्रा करने में मदद देगी जिन्हें तकनीक की कम जानकारी है. इस सुविधा के आरंभ होने से अब आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्रा करने पहुंचने वाले यात्री अपने मोबाइल में डिजी यात्रा मोबाइल एप्लिकेशन को डाउनलोड किए बिना भी इसका लाभ उठा सकेंगे.


APP डाउनलोड करना जरूरी नहीं


इससे पहले डिजी यात्रा का उपयोग करने के लिए स्मार्ट फोन में इस ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य होता था. इसमें कई लोग जो स्मार्ट फोन उपयोग नहीं करते थे, उन्हें सामान्य तरीक से ही कतार में लग प्रवेश करना होता था, लेकिन इस नई तकनीक से मोबाइल ऐप डाउनलोड 'करने की अनिवार्यता भी खत्म हो गई है.


रजिस्ट्रेशन डेस्क पर कराना होगा पंजीकरण


डायल की ओर से शुरू की गई इस नई सेवा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को रजिस्ट्रेशन डेस्क पर पंजीकरण कराना होगा. पंजीकरण में एक मिनट का समय लगेगा. IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर रजिस्ट्रेशन डेस्क बनाया गया है. यहां पर यात्री को अपना बोर्डिंग पास और फेस स्कैन करना होगा और कोई एक पहचान-पत्र देना होगा. रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद यात्री बिना किसी रुकावट के और बिना बोर्डिंग पास दिखाए टर्मिनल के भीतर सिक्योरिटी चेक एरिया और बोर्डिंग गेट पर जा सकते है.


IGI के टर्मिनल-3 पर नई सेवा की शुरुआत


डिजी यात्रा की शुरुआत एयरपोर्ट पर हवाई यात्रियों को लंबी कतारों से निजात दिलाकर एयरपोर्ट में आसान प्रवेश के लिए शुरू की गई थी. इसकी शुरुआत 1 दिसम्बर, 2022 से देश के कुछ चुनिंदा एयरपोर्ट पर गई थी. फेशियल रिकग्निशन की मदद से यात्री की पहचान होने से यात्री की एयरपोर्ट पर एंट्री में कम समय लगता है. एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास की जरूरत नहीं होती है. यात्री का चेहरा ही उसका बोर्डिंग पास का काम करता है. यह व्यवस्था सेंट्रलाइज्ड मोबाइल वॉलेट पर आधारित आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म की तरह काम करती है. यात्री को एयरपोर्ट पर इंट्री के समय, सिक्योरिटी जांच के समय बस अपना चेहरा दिखाना होता है. इसकी सहायता से हवाई यात्रियों का लगभग 25 मिनट का समय बचेगा, जबकि पंजीकरण में महज 1 मिनट का समय लगेगा.


मोबाइल ऐप के जरिए भी कर सकते हैं पंजीकरण


मोबाइल ऐप के जरिए भी इस फेस रिकॉग्निशन सिस्टम के लिए पंजीकरण किया जा सकता है. इसके लिए डिजी यात्रा के मोबाइल ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करना पड़ेगा. इसके बाद आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल फोन के जरिए पंजीकरण कराना होगा. इसके बाद उपयोगकर्ता को उसके डिजीलॉकर से लिंक करने या आधार से लिंक करने के लिए कहा जाएगा. फिर उपयोगकर्ता को अपनी सेल्फी ऐप पर अपलोड करनी होगी. इसके बाद यात्री डिजी यात्रा एप पर अपना बोर्डिंग पास अपलोड कर इस सुविधा का फायदा उठा सकेंगे.


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