Fake Doctor Degree Revealed: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में फर्जी डॉक्टर ने अब तक 80 से ज्यादा महिलाओं का आईवीएफ (IVF) के जरिए इलाज किया, जिसमें लापरवाही के दौरान एक महिला कि जान चली गई. डॉक्टर फर्जी डिग्री के सहारे ग्रेटर नोएडा में प्रैक्टिस कर रहा था और खुद को एमबीबीएस बताता था. फर्जी डॉक्टर का ये खुलासा तब हुआ जब डॉक्टर के इलाज से आईवीएफ करवाने वाली एक महिला ने अपनी जान गंवा दी. इसके बाद महिला के परिजनों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस कि जांच में थाना बिसरख इलाके में हुई महिला की मौत में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है.


फर्जी डिग्री के सहारे चला रहा था क्लिनिक


दरअसल पुलिस कि जांच में पता चला कि आरोपी डॉक्टर फर्जी डिग्री के सहारे क्लिनिक चला रहा था. इस मामले में सेंट्रल नोएडा के डीसीपी राजेश एस ने बताया कि आरोपी डॉक्‍टर प्रियरंजन ठाकुर खुद को एमबीबीएस बता रहा था और जब पुलिस ने पुछताछ की तो डॉक्टर ने खुद को बिहार के मधेपुरा की भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस बताया था. इसके बाद जब पुलिस ने यूनिवर्सिटी में पता किया तो यह बात सामने आई कि प्रियरंजन ठाकुर ने उस कॉलेज से कोई पढ़ाई नहीं की थी और पुलिस ने फर्जी डॉक्टर के फर्जीवाड़े का खुलासा किया.


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80 से ज्यादा महिलाओं ने कराया था इलाज


फर्जी डिग्री के दम पर आरोपी ने बीते एक साल में 80 से ज्यादा महिलाओं का आईवीएफ के जरिए इलाज किया था. डीसीपी ने बताया कि आरोपी के डिग्री कि जांच होने के बाद उसके खिलाफ फर्जीवाड़े का एक और केस दर्ज किया गया और फिलहाल जेल भेज दिया गया है. हालांकि उसी क्लीनिक में दूसरी डॉक्टर जो आरोपी के साथ इलाज करती थी, उसकी एमबीबीएस डिग्री असली है. नकली डिग्री के नाम पर इलाज करने वाला प्रियरंजन डॉक्टर ही नहीं है, इस मामले के बाद पुलिस अब उन महिलाओं से भी बात चीत करने की तैयारी कर रही है जिन्होंने फर्जी डॉक्टर से इलाज करवाया हो अगर उनके इलाज में कोई कमी आई हुई होगी तो आरोपी पर उस मामले में भी केस किया जाएगा.


महिला की हो गई थी मौत


बता दें ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर 16बी में बने क्रिएशन वर्ल्ड आईवीएफ क्लीनिक में चल रहे फर्जीवाड़े कि बात सामने तब आई जब वसुंधरा के रहने वाले चंद्रभान रावत ने अपनी पत्नी ललिता रावत का आईवीएफ प्रोसिजर इसी क्लिनिक कराया था. इस प्रोसिजर के बाद महिला की तबीयत खराब हो गई, इसके बाद वो ब्रेन डेड हो गई और फिर उसकी मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने इस मामले में क्लिनिक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जिसकी जांच में डॉक्टर के फर्जी डिग्री की बात सामने आई.


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