Vaccination In Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High court) ने सोमवार को केन्द्र को 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण रोधी टीकाकरण (Anti Covid Vaccination) के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर पेश की जानी चाहिए और मामले की अगली सुनवायी के लिए 12 मई की तारीख निर्धारित की.


अदालत एक नाबालिग,जो कि 12 वर्षीय लड़की है, की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवायी कर रही थी, इसके साथ ही अदालत ने 12-17 आयुवर्ग के बच्चों के लिए तत्काल टीकाकरण के निर्देश देने संबंधी अनुरोध पर भी गौर किया. यह अनुरोध इस आधार पर किया गया था कि संक्रमण की तीसरी लहर उन्हें ज्यादा प्रभावित कर सकती है.


याचिका में की गई थी यह मांग
याचिकाकर्ताओं की ओर से एक अर्जी भी दायर की गयी थी,जिसमें अदालत से केंद्र सरकार को 12 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण की रूपरेखा पेश करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.


अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की चिंताओं का आंशिक तौर पर समाधान कर लिया गया है क्योंकि केन्द्र सरकार ने हाल में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनुराग अहलुवालिया ने कहा कि वह 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे.


50 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूलों में जाने में सक्षम नहीं- कैलाश वासुदेव
सुनवायी के दौरान अदलत ने कहा कि विशेषज्ञों को इस संबंध में निर्णय लेना चाहिए कि कोई खास टीका सुरक्षित है अथवा नहीं.


याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव ने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूलों में जाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है और यह एक गंभीर मुद्दा है. उन्होंने कहा कि 12-15 वर्ष के बच्चे हों या 15-18 वर्ष के, सभी स्कूल जाने के हकदार हैं और सरकार को इस पर जल्द से जल्द नीति बनानी चाहिए.


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