Delhi Crime News: दिल्ली (Delhi) पुलिस की IFSO यूनिट ने डिजिटल फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 8 मोबाइल फोन,लैपटॉप, कार, चेक बुक,ATM कार्ड बरामद हुआ है. डीसीपी IFSO हेमंत तिवारी के मुताबिक आरोपियों ने पहले वॉइस कॉल (Voice Call) के जरिए 65 वर्षीय महिला को कॉल किया. उसके बाद उनको बताया आपने एक ऑनलाइन पार्सल भेजा है जिसके अंदर कुछ पासपोर्ट, ड्रग्स और कपड़े मौजूद हैं. आरोपी ने कहा ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट में आपको जेल हो सकती है. आप अरेस्ट हो सकते हैं इस बात से बुजुर्ग महिला घबरा गई. आरोपियों ने महिला के साथ लगभग 35 लाख का फ्रॉड किया था.

 

बुजुर्ग महिला को आरोपियों पर शक हुआ कि उनके साथ फ्रॉड किया जा रहा है. इसके बाद आरोपियों ने विश्वास दिलवाने के लिए स्काइप के जरिए वीडियो कॉल की. वीडियो कॉल में यह दर्शाया गया एक सीबीआई के दफ्तर से आपको कॉल की गई है जहां पर दो से तीन लोग मौजूद थे. पीछे सीबीआई का लोगो लगा हुआ था. इस तस्वीर को देखकर बुजुर्ग महिला को यकीन हुआ कि वाकई में एनफोर्समेंट एजेंसी की तरफ से कॉल की गई है. 

 

महिला से ऐसे ठगे 35 लाख रुपये

वीडियो कॉल पर आरोपी ने महिला को डराया कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा चुका है, जिसके बाद महिला काफी ज्यादा घबरा गई और रोने लगी. आरोपी ने फिर दूसरी चाल चली और कहा कि आप सही हैं. आपके दस्तावेजों को इस्तेमाल करके आपको फंसाया गया है. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित बुजुर्ग महिला से कहा कि आपके सारे अकाउंट को वेरीफाई करना होगा इसीलिए सभी अकाउंट का पैसा एक अकाउंट में डाल दें. इसके बाद बुजुर्ग महिला इनकी बातों में आकर सारा पैसा एक सेपरेट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. उसके बाद एक-एक करके 35 लाख रुपये इनके एकाउंट से डेबिट हो गए.

 

रिश्तेदारों को लगी ठगी की भनक

आरोपी को यह जानकारी थी कि बुजुर्ग महिला के पास अभी और भी फंड मौजूद है. कुछ शेयर मार्केट का पैसा भी लगा हुआ है. इसके बाद महिला ने अपने रिश्तेदारों में यह जानकारी दी. लेकिन रिश्तेदार को शक हुआ कि उनके साथ लाखों रुपए का फ्रॉड हो चुका है जिसके बाद पीड़ित परिवार नवंबर के महीने में IFSO का दरवाजा खटखटाया. IFSO की टीम ने देरी न करते हुए इस मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी.

 

बुजुर्गों को बनाते हैं निशाना

पुलिस ने लंबी इन्वेस्टिगेशन की टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए कई नंबर को ट्रैक किया जिसके बाद एक शख्स को पहले गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के बाद तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनकी पहचान चौधरी संजय, खुश्बू खान, आसिफ खान और अभय सिंह के रूप में हुई है. डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक पीड़ित परिवार को वीडियो कॉल इंडोनेशिया या फिर मलेशिया से आया था और ऐसे मामलों में ज्यादा वीडियो कॉल्स विदेश से ही किए जाते हैं. इसके अलावा आरोपी रैंडम लोगों को कॉल करते हैं. खास तौर पर ये लोग 50 साल से ऊपर के लोगों को टारगेट करते थे. या फिर जो बुजुर्ग लोग अपने परिवार, अपने बच्चों से अलग रहते हैं उन लोगों को टारगेट किया जाता था. डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ भी किसी आईपीसी या सीआरपीसी में नहीं है.