Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी घमासान जारी है. इस मसले में केंद्र सरकार ने एक अगस्त को लोकसभा में संशोधन बिल भी पेश किया है. इस बिल पर लोकसभा में बहस जारी है. आप सहित विपक्षी दलों के विरोध की वजह से बुधवार को इस पर बहस नहीं हो पाई. आज दिल्ली अध्यादेश बिल पर लोकसभा में पास होने की उम्मीद है. इस बीच आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र का बिल सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिकेगा. यह ​बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है. 


दिल्ली अध्यादेश बिल को लेकर संजय सिंह ने एक टीवी डिबेट में कहा कि संविधान की जिस धारा 239A के तहत दिल्ली का निर्माण हुआ था, उसमें सिर्फ 3 विषयों को छोड़कर बाकी सभी विषय दिल्ली सरकार के पास थे, जिसमें सेवा विभाग भी शामिल है. संविधान में संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए होता है, आर्डिनेंस बिल के जरिए इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता है. ये बिल सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिकेगा. हकीकत यह है कि BJP संघीय ढांचे को तोड़ने के लिए बिल लेकर आई है. 


1-2 ट्रांसफर क्या कर दिया, परेशान हो गए


आप नेता संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांस​फर पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 11 मई 2023 को आया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेवा विभाग के कामकाज और अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला निर्वाचित सरकार का अधिकार है. पता नहीं आठ दिन में ही दिल्ली सरकार ने ऐसा क्या कर दिया कि केंद्र ने अध्यादेश लाकर शीर्ष अदालत के फैसले को ही पलट दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं की इस बात पर, पता नहीं लोग क्यों सोचेंगे, लेकिन इनकी सोच पर दिल्ली के लोगों को दया जरूर आएगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा, स्वास्वाथ्य, बुजुर्गों की सेवा, पानी, सीवर सहित लगभग सभी क्षेत्रों में सराहनीय काम किए हैं. एक-दो अधिकारियों का ट्रांसफर क्या कर दिया, बीजेपी वाले परेशान हो गए. 


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संजय सिंह