Delhi News: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) चुनावों (Delhi MCD Election 2022) से पहले राजधानी में कूड़े को लेकर राजनीति गर्म हैं. दिल्ली में मौजूद 3 बड़े बड़े कूड़े के पहाड़ों को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) लगातार बीजेपी पर हमलावर है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) का कहना है कि पिछले 15 सालों में दिल्ली को बीजेपी ने कूड़े के पहाड़ दिए हैं और दिल्ली को कूड़ा कूड़ा कर दिया है लेकिन हम दिल्ली को साफ करके दिखाएंगे. वहीं इन आरोपों के बाद अब दिल्ली नगर निगम ने दावा किया है कि तेजी से दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट से कूड़े को खत्म करने का काम किया जा रहा है. 


एमसीडी (MCD)का कहना है कि दिल्ली की सबसे बड़ी और पुरानी लैंडफिल साइट गाजीपुर (Ghazipur landfill site) जिसकी मौजूदा ऊंचाई 65 मीटर है और यहां पर 85 लाख मीट्रिक टन कूड़ा है. वहीं ओखला लैंडफिल साइट (Okhla landfill site) की ऊंचाई 45 मीटर है और यहां पर 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा अभी मौजूद है. इसके अलावा भलस्वा लैंडफिल साइट (Bhalswa landfill site) जिसकी ऊंचाई 62 मीटर है और यहां पर 73 लाख मीट्रिक टन कूड़ा जमा हो रखा है.


दिल्ली नगर निगम में डायरेक्टर अमित कुमार ने बताया है कि, दिल्ली में रोजाना 11,000 मीट्रिक टन कूड़ा जनरेट होता है जिसमें से 8213 मीट्रिक टन कूड़े का रोजाना निस्तारण किया जा रहा है. बाकी बचा हुआ कूड़ा इन तीनों लैंडफिल साइट पर जाता है. इस तरीके से रोजाना जनरेट होने वाले कूड़े के 75 फीसदी हिस्से का निस्तारण किया जा रहा है. इस कूड़े का रोजाना 557 टन कचरा कम्पोस्टिंग संयंत्रों, 256 टन प्रतिदिन एमआरएफ और 7400 टन प्रतिदिन वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र की मदद से निस्तारित किया जाता है जोकि ओखला, बवाना और गाजीपुर में स्थित हैं. 


कहां कितने कूड़े का निपटारा
दिल्ली नगर निगम रोजाना 8213 मीट्रिक टन कूड़े का निपटारा कर रही है और साल 2025 अगस्त तक प्रतिदिन 3475 मीट्रिक टन तक कूड़े का और निस्तारण किया जा सकेगा. इसके लिए नरेला-बवाना में एक नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया जा रहा है. दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि गाजीपुर में प्रतिदिन 2600 मीट्रिक टन कचड़ा निकलता है जिसमें से 900 टन कचड़े का निस्तारण हो जाता है और 1700 टन प्रतिदिन गाजीपुर की लैंडफिल साइड पर जाता है. इसी तरह भलस्वा में 4500 मीट्रिक टन जनरेट होता है जिसमें से प्रतिदिन 2300 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण हो जाता है और बचा हुआ 2200 टन कचरा प्रतिदिन भलस्वा लैंडफिल साइट पर डंप किया जाता है और इसके साथ ही ओखला में 3600 मीट्रिक टन कूड़ा जनरेट होता है जिसमें से 1900 मीट्रिक टन कूड़ा खत्म किया जा रहा है और बचा हुआ 1700 मीट्रिक टन लैंडफिल साइट पर जा रहा है.


तीनों लैंडफिल साइट होगी खत्म-निगम
दिल्ली नगर निगम का कहना है कि तीनों लैंडफिल साइट पर मिलाकर 280 लाख मीट्रिक टन कूड़ा है जिसमें से अब तक 77 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है. निगम का दावा है कि आने वाले कुछ सालों में दिल्ली की तीनों बड़ी लैंडफिल साइट को पूरी तरीके से खत्म कर दिया जाएगा. वहां पर कोई भी कूड़े के पहाड़ नहीं होंगे, बल्कि समतल जमीन होगी. दिल्ली नगर निगम ने टारगेट रखा है कि ओखला लैंडफिल साइट और भलस्वा लैंडफिल साइड को दिसंबर 2023 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. वहीं दिल्ली की सबसे बड़ी और पुरानी लैंडफिल साइट गाजीपुर को मार्च 2024 तक हटा देंगे, वहां पर कोई कचरा नहीं होगा ना कोई कूड़े का पहाड़ होगा बल्कि समतल जमीन होगी.


नयी लैंडफिल साइट नहीं बनेगी-निगम
इसके साथ ही दिल्ली नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि, इन तीनों लैंडफिल साइट को खत्म करने के लिए दिल्ली में कोई भी नयी लैंडफिल साइट नहीं बनाई जाएगी. उन्होंने आम आदमी पार्टी द्वारा 16 नई लैंडफिल साइट बनाए जाने के दावे को भी खारिज किया है. निगम का कहना है यह सरासर भ्रामक बातें हैं जो निगम के खिलाफ फैलाई जा रही हैं. निगम की कोई भी ऐसी योजना नहीं है. इन बातों पर संज्ञान लिया जाएगा. दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों का कहना है ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ निगम द्वारा कार्रवाई की जाएगी.


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