Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (LG Vinai Saxena) की ओर से एमसीडी के राजस्व (MCD Revenue Loot) में पिछले एक साल के दौरान इजाफा होने का दावा करने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने उन पर पलटवार किया है. दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी का ऐसा कहना बीजेपी के एमसीडी (MCD) में पिछले 15 साल के कार्यकाल पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. 


सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी का यह कहना कि साल 2022-23 में एमसीडी की कमाई 7249 करोड रुपए से बढ़कर 8900 करोड रुपए हो गई, जो इससे पहले के साल की तुलना में लगभग 1650 करोड़ रुपए ज्यादा है. यह बात कई सवाल खड़े करती है. हमें उम्मीद है कि एलजी विनय सक्सेना हमारे सवालों को जवाब देंगे. 


एलजी दे इन सवालों का जवाब



  • क्या 2022-23 के दौरान नगर निगम में पुराने अधिकारियों को हटा के नए अधिकारियों को रखा गया?

  • क्या 2022-23 के दौरान प्रॉपर्टी टैक्स विभाग में सभी अधिकारियों को बदलकर नए अधिकारियों को नियुक्त किया गया?

  • क्या 2022-23 में दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को बदलकर नए कमिश्नर की नियुक्ति की गई?

  • क्या 2022-23 में दिल्ली नगर निगम के समस्त कर्मचारियों को बदल कर नए कर्मचारी उनकी जगह पर लाए गए?


इसके अलावा, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि साल 2007 से लेकर 2022 तक दिल्ली नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी का मेयर रहा. एमसीडी में बीजेपी की सरकार रही. एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी भी उन्हीं की रही. मगर 2022 से 2023 के बीच दिल्ली नगर निगम में बीजेपी का शासन नहीं रहा. इस दौरान एमसीडी सीधे तौर पर अधिकारियों द्वारा चलाया गया. बीजेपी किसी भी प्रकार से कोई दखल नहीं दे पा रही थी. ऐसे में एलजी का यह कहना कि कि पिछले 1 साल में उन्होंने नगर निगम के भीतर चल रही राजस्व की लूट को रोका है, जिसके कारण नगर निगम के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. यह इस बात को दर्शाता है कि उप राज्यपाल भी मानते हैं कि बीजेपी की सरकार के कारण पिछले 15 सालों से नगर निगम के राजस्व की लूट हो रही थी. 


LG होने के नाते कराएं MCD में हुई लूट की जांच


मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उपराज्यपाल छोटी-छोटी बातों के लिए जांच कराते हैं, तो मेरा उनसे अनुरोध है कि अगर उनका दावा राजस्व इजाफे का सही है तो क्या पिछले कई वर्षों से बीजेपी की सरकार दिल्ली नगर निगम में कोई काम नहीं कर रही थी. सिर्फ राजस्व की लूट हो रही थी, तो दिल्ली का उपराज्यपाल होने के नाते वह इसकी जांच कराएंगे. अगर एलजी खुद इस बात को मान रहे हैं कि दिल्ली नगर निगम में वर्षों से राजस्व की लूट चल रही थी, तो इस पर उन्हें उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच करानी चाहिए कि  दिल्ली की जनता को पिछले 15 वर्षों से क्यों लूटा गया? दिल्ली की जनता को बताएं कि वे लोग कौन थे? हम एलजी से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द दोषियों का पता लगाया जाए. इतना ही नहीं, दिल्ली की जनता के टैक्स का पैसा लूटने के जुर्म में उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाए. 


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