दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने सोमवार (3 नवंबर) को एक आधिकारिक बयान जारी कर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को भ्रामक बताया है. डीएमआरसी ने कहा कि कुछ समाचार संस्थानों ने आरटीआई के एक जवाब के आधार पर यह गलत निष्कर्ष निकाला है.

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जिसमें बताया गया है कि मेट्रो में लगे सीसीटीवी कैमरे बड़ी संख्या में खराब हैं, जिससे महिलाओं की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है. मेट्रो ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली मेट्रो देश का सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन साधन है. डीएमआरसी ने इन आरोपों पर सफाई दी है.

आरोपों पर डीएमआरसी ने दी सफाई

डीएमआरसी ने कहा कि राजधानी में चलने वाली 350 से ज्यादा मेट्रो ट्रेनों में लगभग 11,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. हर कोच में इमरजेंसी बटन लगे हैं, जिनसे यात्री किसी घटना या दुर्व्यवहार की सूचना तुरंत दे सकते हैं. यह संदेश अगले स्टेशन पर तैनात सीआईएसएफ या मेट्रो स्टाफ को तुरंत मिल जाता है, जिससे तुरंत कार्रवाई संभव होती है. 

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मेट्रो के सभी स्टेशनों पर करीब 13,000 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो प्रवेश द्वार, टिकट काउंटर, एस्केलेटर और प्लेटफॉर्म जैसे स्थानों पर यात्रियों और भीड़ की निगरानी करते हैं. डीएमआरसी ने बताया कि सभी कैमरों की नियमित निगरानी और मेंटेनेंस होती है और यदि किसी कैमरे में खराबी आती है तो उसकी मरम्मत उसी दिन कर दी जाती है. किसी भी ट्रेन को कभी भी खराब कैमरे के साथ यात्रियों के लिए नहीं चलाया जाता.

सीसीटीवी कैमरों को लेकर क्या कहा?

डीएमआरसी ने कहा कि पूरे नेटवर्क में हर दिन करीब 24,000 सीसीटीवी कैमरे काम करते हैं. आरटीआई में बताया गया आंकड़ा जिसमें कहा गया कि 300 से 500 कैमरे “नॉन-फंक्शनल” रहे - वह वार्षिक आंकड़ा है, न कि दैनिक. इसका मतलब है कि किसी भी दिन केवल एक या दो कैमरे ही अस्थायी रूप से मेंटेनेंस में रहते हैं। यानी 99.99 प्रतिशत कैमरे हर दिन सही तरीके से काम कर रहे होते हैं.

संस्था ने बताया कि अगर किसी कैमरे की मरम्मत चल रही होती है, तब भी आसपास के कैमरों की कवरेज से कोई ब्लाइंड स्पॉट नहीं बनता. यही कारण है कि इतने वर्षों में दिल्ली मेट्रो में कोई बड़ा आपराधिक मामला या महिला यात्रियों के साथ गंभीर घटना नहीं हुई. 

डीएमआरसी ने बताया कि पुराने कैमरों को धीरे-धीरे नई तकनीक वाले वीडियो एनालिटिक्स से लैस आधुनिक कैमरों से बदला जा रहा है. वहीं पुराने डिब्बों में पुराने कैमरों की जगह आईपी बेस्ड कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे निगरानी और ज्यादा प्रभावी हो सके.

महिलाओं की सुरक्षा पर क्या बोला डीएमआरसी 

महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली मेट्रो में अलग से हेल्पलाइन नंबर 1091 भी जारी है. इसके अलावा डीएमआरसी की हेल्पलाइन 155370 और सीआईएसएफ की हेल्पलाइन 155655 भी हर समय सक्रिय रहती है.दिल्ली मेट्रो ने यह भी बताया कि ‘काली स्क्वॉड’ नाम की एक विशेष टीम भी तैनात है. इसमें महिला कमांडो शामिल हैं, जो सादे कपड़ों और वर्दी दोनों में रहती हैं.

ये कमांडो फिलिपीन मार्शल आर्ट “पेकिटी-तिरसिया काली” में प्रशिक्षित हैं और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर तैनात रहती हैं. यह दस्ते उन पुरुषों पर कार्रवाई करती हैं जो महिलाओं के कोच में घुसने की कोशिश करते हैं या कोई अनुचित व्यवहार करते हैं.

डीएमआरसी ने दोहराया कि मेट्रो में महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी कैमरे तथा सुरक्षा तंत्र पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं. संस्था ने जनता से अपील की है कि वे भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और भरोसे के साथ मेट्रो का इस्तेमाल करें.