दिल्ली में बढ़ते निर्माण एवं विध्वंस कचरे (C&D वेस्ट) को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के लिए एमसीडी ने एक नई पहल शुरू की है. शहर के चार प्रमुख प्रसंस्करण संयंत्रों में तैयार होने वाली सेमी- प्रोसेस्ड सामग्री को अब पहली बार सरकारी एजेंसियों के साथ आम नागरिक भी निर्धारित शुल्क पर प्राप्त कर सकेंगे. इसका उद्देश्य न केवल लैंडफिल्स पर बोझ कम करना है, बल्कि पुनर्चक्रण को बढ़ावा देकर निर्माण संसाधनों के बेहतर उपयोग को प्रोत्साहित करना भी है.

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दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) फिलहाल शहर में चार स्थानों बुराड़ी (जहांगीरपुरी के पास), रानी खेड़ा, बक्करवाला और शास्त्री पार्क में सी एंड डी अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र चला रहा है. इन संयंत्रों में रोजाना आने वाले निर्माण मलबे को छांटकर उससे स्टोन ग्रिट, कोर्स सैंड, फाइन सैंड और स्क्रीन की गई मिट्टी जैसी उपयोगी सामग्री तैयार की जाती है.

एमसीडी सिर्फ निर्माण सामग्री ही नहीं, बल्कि पुनर्नवीनीकृत उत्पादों की एक रेंज भी तैयार करवा रहा है. इनमें सीसी ब्लॉक्स, चेकर टाइल्स और कर्ब स्टोन्स शामिल हैं, जिन्हें सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ आम जनता भी खरीदकर अपने निर्माण और विकास कार्यों में प्रयोग कर सकती है.

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लैंडफिल पर दबाव घटाने की नई पहल

संसाधनों के चक्रीय उपयोग को बढ़ावा देने और शहर के भरते लैंडफिल्स को राहत देने के उद्देश्य से एमसीडी ने अब सेमी- प्रोसेस्ड सी एंड डी मलबे की सार्वजनिक आपूर्ति शुरू करने का निर्णय लिया है. यह कदम निर्माण कचरे के प्रबंधन में एक अहम बदलाव माना जा रहा है.

क्या होता है सेमी- प्रोसेस्ड मलबा? किस कार्य में होगा इस्तेमाल

यह ऐसी सामग्री होती है जिसे संयंत्रों में प्रोसेस करके उसमें से लकड़ी, आरडीएफ और अन्य अवांछित, ज्वलनशील या पुनर्नवीनीकरण न किए जा सकने वाले तत्वों को अलग कर दिया जाता है. ये सफाई के बाद बची सामग्री भराई (फिलिंग) जैसे कार्यों के लिए उपयुक्त मानी जाती है.

सरकारी एजेंसियों से लेकर आम नागरिक तक, सभी ले सकेंगे मलबा

सेमी- प्रोसेस्ड मलबा अब कम-स्तरीय क्षेत्रों की भराई के लिए उपलब्ध करा दिया गया है. सरकारी विभाग और आम लोग आवश्यक शुल्क देकर इसे सीधे संयंत्र से प्राप्त कर सकते हैं. जरूरत पड़ने पर कंसैशनायर परिवहन शुल्क लेकर यह सामग्री घर या साइट तक भी पहुंचाएगा.