वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार (18 नवंबर) को साफ किया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जीआरएपी का चौथा चरण लागू होने की खबरें झूठी हैं. सीएक्यूएम ने लोगों से ऐसी गलत सूचनाओं पर ध्यान न देने का आग्रह किया. सीएक्यूएम ने एक बयान में कहा कि कुछ समाचार चैनल और डिजिटल प्लेटफॉर्म भ्रामक जानकारी प्रसारित कर रहे हैं कि दिल्ली-एनसीआर में आपातकालीन प्रतिबंधों का उच्चतम स्तर लगाया गया है.

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GRAP का तीसरा चरण लागू रहेगा- सीएक्यूएम 

सीएक्यूएम ने इस बात पर जोर दिया कि पूरे एनसीआर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) का तीसरा चरण लागू रहेगा, ना कि चौथा चरण. इसमें कहा गया है, 'वर्तमान में जीआरएपी का तीसरा चरण पूरे एनसीआर में लागू है. हितधारकों और लोगों को सलाह दी जाती है कि वे एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के लिए सीएक्यूएम द्वारा जारी आधिकारिक जानकारी/प्रेस विज्ञप्तियों पर ही भरोसा करें.' जीआरएपी का तीसरा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने पर कड़े उपाय लागू करता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) 0 से 50 के बीच के एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच के एक्यूआई को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच के एक्यूआई को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच के एक्यूआई को 'खराब', 301 से 400 के बीच के एक्यूआई को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच के एक्यूआई को 'गंभीर' श्रेणी में वर्गीकृत करता है.

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GRAP-3 में क्या-क्या पाबंदियां होती हैं?

तीसरे चरण के उपायों में गैर-आवश्यक निर्माण और तोड़ फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध, डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण को तेज करना, तथा सड़कों पर मशीनों से सफाई और पानी का छिड़काव बढ़ाना शामिल है.

जीआरएपी के चौथे चरण में प्रतिबंध कहीं अधिक व्यापक हो जाते हैं. इनमें आम तौर पर सभी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक, स्कूलों और गैर-जरूरी वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करना, तथा सम-विषम (पंजीकरण संख्या) या इसी तरह की योजनाओं के आधार पर निजी वाहनों पर संभावित प्रतिबंध शामिल हैं.