Navratri 2022: नवरात्रि के बीच दक्षिणी दिल्ली स्थित सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर में पुनर्विकास का काम जारी है. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश अनुसार कालकाजी मंदिर के आसपास अवैध निर्माण और अनाधिकृत दुकानों को हटा दिया गया है. जिसके बाद प्रशासन मंदिर में सौंदर्यीकरण का काम करवा रहा है. इसी बीच नवरात्रों के मौके पर श्रद्धालुओं की संख्या भी मां कालका के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंच रही है. जिसके लिए प्रशासन की ओर से कई इंतजाम किए गए हैं. मंदिर में प्रवेश के लिए जहां तीन गेट खोले गए हैं तो वहीं विकास के लिए दो द्वार बनाए गए हैं, जहां से श्रद्धालु दर्शन के लिए आ जा रहे हैं.


भक्तों के लिए की गई है ये व्यवस्था


दरअसल दिल्ली का कालका जी मंदिर बेहद ही प्राचीन और सिद्ध पीठ मंदिर है. मान्यता यह है कि यह मंदिर मां दुर्गा के काली स्वरूप को समर्पित है. इस मंदिर में जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा और मनोकामना से आता है उसकी सभी आश पूरी होती है. कहा जाता है कि प्राचीन काल में पांडवों ने भी इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना की थी. कालकाजी मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ और जयंती पीठ मंदिर भी कहा जाता है. इस कारण से मंदिर में अक्सर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.


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मंदिरों में रहती है काफी भीड़


आम दिनों में ही मंदिर में काफी भीड़ रहती है. नवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में मां कालका की एक झलक पाने के लिए यहां आते हैं. नवरात्रि को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने यहां पर भक्तों के आने के लिए जहां पांडव गेट, राम प्याऊ, और मेट्रो की तरफ से प्रवेश शिव का इंतजाम किया है तो वहीं विकास के लिए पांडव गेट और मेट्रो की ओर निकास रखा गया है, जिससे कि श्रद्धालुओं को आने-जाने में दिक्कत ना हो.




दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार हुई ये कार्रवाई


लेकिन इसी बीच इस बार नवरात्रि के मौके पर यदि आप कालकाजी मंदिर जा रहे हैं तो आपको कई बदलाव देखने को मिलेंगे. जिसमें की कालकाजी मंदिर के मुख्य द्वार पर जो रौनक देखने को मिलती थी वह रौनक देखने को नहीं मिल रही है. कालकाजी मंदिर के पांडव गेट से घुसते ही प्रसाद, खिलौने और खाने-पीने की जो तमाम दुकानें थी उन्हें हटा दिया गया है. जहां से श्रद्धालु प्रवेश करते थे और मंदिर के भवन तक जाने के लिए लगे बाजार से प्रसाद फूल आदि चीजें खरीदते थे.


दर्शन के बाद इसी बाजार से निकलते हुए अपने बच्चों को खिलौने आदि दिलवाकर मां कालका के दर्शन करके जाते थे लेकिन कुछ महीने पहले ही इस बाजार की सभी दुकानों और झुग्गियों को प्रशासन ने हटा दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कालकाजी मंदिर के आसपास बनी अवैध 42 अवैध झुग्गियों और 100 से ज्यादा दुकानों को हटाया गया है. इसके साथ ही 17 से ज्यादा धर्मशालाओं को सील कर दिया गया है.




अस्थाई दुकान का वादा


हालांकि प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई मंदिर के सौंदर्यीकरण को लेकर की गई है. जो दुकानें हटाई गई है उसको लेकर आने वाले कुछ महीनों में दुकानदारों को अस्थाई दुकानें भी प्रशासन की ओर से दी जाएंगी. जिसको लेकर काम किया जा रहा है. अपनी दुकान टूट जाने के बाद कालकाजी मंदिर के बाहर बेंच पर प्रसाद रखकर बेच रहे दीपक ने एबीपी न्यूज को बताया कि उनके परिवार का खर्चा इसी दुकान से होने वाली कमाई से चलता था, लेकिन पिछले 3 महीने से काफी बुरे हालात हैं.


घर में 8-9 सदस्य हैं. ऐसे में काफी मुश्किलें आ रही है. रहने के लिए कोई जगह भी नहीं है क्योंकि हम दुकान में ही रह कर अपना गुजारा करते थे. इसीलिए मंदिर के पास लकड़ी त्रिपाल लगाकर रह रहे हैं. हालांकि उन्हें तसल्ली इस बात की है कि प्रशासन ने कुछ महीनों में उन्हें अस्थाई दुकान देने का वादा किया है.



दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कालकाजी मंदिर में अवैध दुकानों और झुग्गियों के अतिक्रमण को हटाने के लिए आदेश दिया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल आदेश दिया था. मंदिर में इस पूरी कार्रवाई और मंदिर की व्यवस्था की जिम्मेदारी एडमिनिस्ट्रेटर को दी गई. जिसकी नियुक्ति कोर्ट द्वारा ही की गई थी. मंदिर में पूरी व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी कोर्ट ने रिटायर जज जेआर मिड्डा को दी. जिन्हें मंदिर प्रशासन में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया.


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