दिल्ली सरकार ने डीजल पर चलने वाली गाड़ियों को लेकर एक एहम फैसला लिया है. सरकार ने ये फैसला एनजीटी की इजाजत से लिया, जिसके तहत डीजल पर चलने वाली उन गाड़ियों के पंजीकरण को रद्द कर दिया जाएगा जिनके 10 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन इन गाड़ियों को एक एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिससे इनका कहीं और पंजीकरण हो सके. यहां गौर करने वाली बात है कि एनओसी सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को मिलेगा जिन्हें 15 साल पूरे नहीं हुए हैं. अगर किसी की गाड़ी को 15 साल और उससे ज्यादा हो गए हैं तो उन्हें एनओसी नहीं दिया जाएगा.


इस पूरे मामले में एनजीटी ने दिल्ली एनसीआर की गाड़ियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके अनुसार जो डीजल गाड़ियां 10 साल से ज्यादा और पेट्रोल गाड़ियों 15 साल से ज्यादा पुरानी हो गई है तो उनके पंजीकरण को लेकर सख्त नियम लागू किए जायेंगे. 


बता दे की ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने अपने ऑर्डर में ये भी कहा है कि जिनके पास 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल वाली गाड़ी है उनके पास एक विकल्प है कि वो अपनी गाड़ियों को बिजली पर चलने वाली गाड़ियों में तब्दील कर सकते हैं. पुरानी गाड़ी चलाने वाले ट्रांसपोर्ट विभाग से मान्यता प्राप्त एजेंसी से अपनी पुरानी गाड़ी को इलेक्ट्रिक किट लगवा कर इस्तेमाल कर पाएंगे.


वहीं एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली सरकार के इस फैसले को लेकर ऑटो एक्सपोर्ट टूटू धवन से बातचीत की. उन्होंने  बताया कि दिल्ली सरकार का यह फैसला एक ओर तो सराहनीय है लेकिन डीजल गाड़ियों को डीरजिस्टर करने के लिए समय सीमा तय किए जाने से ज्यादा यह जरूरी है कि वह कितनी फिट है. यह जानना चाहिए अगर किसी गाड़ी को 10 साल पूरे हो गए हैं और वह सभी मानकों पर फिट बैठती है तो उसे डीरजिस्टर नहीं करना चाहिए. अगर कोई गाड़ी सिर्फ 5 या 6 साल पुरानी है लेकिन मानकों पर फिट नहीं बैठती उसको डीरजिस्टर किया जाना चाहिए.


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