दिल्ली के निजी अस्पतालों में कम आय वर्ग के मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा को लेकर दिल्ली सरकार ने एक अहम जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट में दी है. दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि मुफ्त इलाज के लिए तय सालाना आय सीमा को मौजूदा 2 लाख 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की तैयारी की जा रही है. अगर यह फैसला लागू होता है तो हजारों और जरूरतमंद मरीजों को इसका सीधा फायदा मिलेगा.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच के सामने से पेश की गई.
प्राधिकरण के पास मंजूरी के लिए लंबित है फाइल
दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि 2 दिसंबर को डॉ. एसके सरीन समिति की बैठक हुई थी. इस बैठक में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया गया. सरकार ने इस संबंध में जरूरी दस्तावेज तैयार कर लिए हैं और फाइल फिलहाल सक्षम प्राधिकरण के पास मंजूरी के लिए लंबित है. जैसे ही अंतिम फैसला होगा, आदेश लागू कर दिया जाएगा.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की बात सुनने के बाद निर्देश दिया है कि आय सीमा बढ़ाने को लेकर लिए गए अंतिम निर्णय की कॉपी अदालत के रिकॉर्ड पर रखी जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जनवरी की तारीख तय की है. उस दिन दिल्ली सरकार को इस पूरे मामले पर स्टेट्स रिपोर्ट भी पेश करनी होगी.
दिल्ली हाई कोर्ट में एमिकस क्यूरी ने कहा 62 अस्पताल में एक हजार बेड रिजर्व
डॉ. एसके सरीन कमेटी में एमिकस क्यूरी के तौर पर जुड़े वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल ने अदालत को बताया कि दिल्ली में कुल 62 निजी अस्पताल ऐसे हैं. जहां ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत 1000 से ज्यादा बेड आरक्षित हैं. इन अस्पतालों में पूरे देश से आने वाले ईडब्ल्यूएस मरीज मुफ्त इलाज करा सकते हैं. आय सीमा बढ़ने से ज्यादा गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.
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