Dog Registration Delhi: अगर आप कुत्ता पालते हैं तो उसका रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है, लेकिन राजधानी दिल्ली के लोग ऐसा बहुत कम कर रहे हैं. राजधानी में हजारों लोग कुत्ते पालते हैं. कुछ लोगों ने तो खतरनाक नस्ल के कुत्ते भी पाले हुए हैं. ऐसे कुत्ते लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. वहीं लोगों को कुत्तों द्वारा काटने के केस भी हर लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन, एमसीडी के रिकॉर्ड में ऐसे खतरनाक नस्ल के कुत्तों का कोई खास ब्यौरा नहीं है. इस साल अभी तक सिर्फ 397 कुत्ते ही एमसीडी ने रजिस्टर्ड किए हैं. जबकि पिछले साल खतरनाक कुत्तों की संख्या लगभग दोगुनी थी. यानी पिछले साल एमसीडी ने 761 कुत्तों का रजिस्ट्रेशन किया था.
कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ी
साउथ एमसीडी वेटनरी विभाग के डायरेक्टर रहे एक सीनियर अफसर के मुताबिक खतरनाक नस्ल के कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ी हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ में हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई थी, जिसमें पिटबुल कु्त्ते ने महिला को बुरी तरह से काट लिया था, जिससे महिला की मौत हो गई थी. पिछले साल मोती नगर एरिया में नजफगढ़ रोड पर एक कुत्ते ने तीन साल के बच्ची को नोच-नोच कर मार दिया था. ऐसे में यह जरूरी है कि जितने भी पालतू कुत्तें हैं उनका रजिस्टेशन होना चाहिए. ताकि हर समय उनकी मॉनेटरिंग हो सके और एमसीडी के फील्ड अफसरों के संज्ञान में भी रहे. लेकिन, लोग कुत्तों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाते हैं.
दिल्ली में 30-40 हजार पालतू कुत्ते
एमसीडी के वेटनरी अफसरों ने भी कुत्तों का रजिस्ट्रेशन न कराने वालों के खिलाफ कोई सख्त एक्शन का प्रावधान नहीं बनाया है. इसलिए दिल्ली में जितने लोगों ने कुत्ते पाले हुए हैं, उनका सटीक आंकड़ा एमसीडी के पास नहीं है. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली की आबादी 2 करोड़ से उपर है और इस शहर में कम से कम 30-40 हजार से भी ज्यादा लोगों के घरों में पालतू कुत्ते हैं. लेकिन, एमसीडी के रिकॉर्ड में इनकी संख्या महज इस साल अभी तक 397 है.