दीपावली के बाद दिल्ली में मौसम का हाल खराब बना हुआ है. लोगों को प्रदूषण और कोहरे से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच दिल्ली सरकार और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण नियंत्रण और मौसम सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए तीन मुख्य कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा रहा है, निर्माण कार्यों को नियंत्रित किया जा रहा है ताकि पीएम 2.5 प्रदूषण घट सके और दिल्ली के भीतर मौजूदा उद्योगों पर निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगभग 3 करोड़ लोग रहते हैं और 50 किलोमीटर के दायरे में उनके आसपास के इलाके जैसे नोएडा, गाजियाबाद आदि का प्रदूषण भी राजधानी के वायु गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है.
प्रदूषण कम करने के लिए सरकार बना रही योजना- मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कम होने पर यह लोगों के लिए बेहतर है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार प्रदूषण कम करने के लिए व्यापक योजना पर काम कर रही है. मंत्री सिरसा ने कहा कि उनका ‘वॉर रूम’ काफी बड़ा है और पूरे दिन इसका लगातार मॉनिटरिंग किया जाता है. हर विवरण को उच्च स्तर पर निगरानी में रखा जाता है ताकि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सही समय पर कार्रवाई की जा सके.
दिल्ली में जल्द होगी आर्टिफिशियल रेन- सिरसा
सिरसा ने बताया कि प्रदूषण कम करने की रणनीतियों में से एक है क्लाउड सीडिंग या आर्टिफिशियल रेन तकनीक. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को लागू करने के बाद इसके परिणाम स्पष्ट होंगे और जब बारिश होगी, तो प्रदूषण में निश्चित रूप से कमी आएगी. उनका विश्वास है कि आकाशीय बारिश से राजधानी में हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को राहत मिलेगी.
मौसम सुधार के उपायों से लोगों को मिलेगी राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली के बाद राजधानी में धुंध और स्मॉग का स्तर हमेशा बढ़ जाता है, इसलिए इस तरह के कदम आवश्यक हैं. दिल्ली सरकार की कोशिश है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ-साथ मौसम सुधार के उपायों से लोगों को तुरंत राहत मिले. आने वाले दिनों में क्लाउड सीडिंग और अन्य उपायों के प्रभाव का आम जनता अनुभव कर सकेगी.
इस बीच नागरिकों से भी अपील की गई है कि वाहन उपयोग और निर्माण कार्यों में सावधानी बरतें और सरकार द्वारा प्रदत्त निर्देशों का पालन करें, ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव हो सके.