दिल्ली में एक बार फिर हवा खराब हो गई है. साल का वह समय शुरू हो गया है जब दिल्ली की हवा जहरीली और सांसों को तकलीफ देने वाली बन जाती है. इस बीच आंकड़े बताते हैं कि इस बार दीपावाली पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता चार साल में सबसे खराब रही और रात में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा. सूक्ष्म प्रदूषक कणों (PM 2.5) की सांद्रता 675 पर पहुंच गई, जो 2021 के बाद से अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने इसके लिए पटाखों के बजाय आम आदमी पार्टी (AAP) शासित पंजाब में पराली जलाए जाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया. मंगलवार (21 अक्टूबर) को दिवाली के बाद वाली सुबह दिल्ली में घनी धुंध छाई रही. दृश्यता कम हो गई और वायु गुणवत्ता 'रेड जोन' में पहुंच गई. 

समयसीमा तय होने के बावजूद रात भर जले पटाखे

दिवाली की रात दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दो घंटे की समयसीमा के बाद भी आतिशबाजी चलती रही. सोमवार (20 अक्टूबर) की शाम 4.00 बजे दिल्ली का पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 345 रहा, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में यह 330, 2023 में 218 और 2022 में 312 रहा था. 

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AQI के आंकड़े गायब होने का दावा

इसपर कई जलवायु विशेषज्ञों ने दावा किया कि व्यस्त समय के आंकड़े गायब हैं. हालांकि, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दावा किया कि सभी आंकड़े सही सलामत हैं और विभाग की वेबसाइट और ऐप पूरी तरह से चालू हैं. 

सोमवार और मंगलवार को चिंताजनक स्तर पर रहा AQI

प्रति घंटे जारी बुलेटिन के अनुसार, शहर का एक्यूआई सोमवार रात भर ज्यादा बना रहा. बुलेटिन के अनुसार, एक्यूआई रात 10 बजे 344, रात 11 बजे 347, आधी रात को 349 और रात एक बजे 348 दर्ज किया गया. मंगलवार की सुबह सूचकांक लगातार ऊंचा बना रहा. यह सुबह पांच बजे 346, सुबह छह बजे 347, सुबह सात बजे 351, सुबह आठ बजे 352, सुबह नौ बजे 356, सुबह 10 बजे 359, पूर्वाह्न 11 बजे और दोपहर तक 359 पर बना रहा.

इस बीच, पीएम 2.5 का स्तर भी पिछले चार वर्ष में सबसे खराब रहा, जो दिवाली की देर रात 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. पीएम 2.5 ऐसे सूक्ष्म कण होते हैं जो आसानी से श्वसन तंत्र में प्रवेश कर जाते हैं और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा करते हैं. पीएम 2.5 की सांद्रता भी सुरक्षित सीमा से अधिक हो गई.