Delhi News: आम आदमी पार्टी (आप) विधायक राजेंद्र पाल गौतम (AAP MLA Rajendra Pal Gautam) ने बुधवार को मांग की कि समाज उन धार्मिक ग्रंथों का बहिष्कार करे जो महिला उत्पीड़न की वकालत करते हैं, जिस पर बीजेपी (Delhi BJP) की दिल्ली इकाई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों ने ‘आप सरकार के हिंदू विरोधी चेहरे’ को उजागर किया है. इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में मंगलवार को हुई घटना (Indraprastha Womens College Incident) के मद्देनजर दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में महिला सुरक्षा पर चर्चा के दौरान गौतम ने कहा, “महिला उत्पीड़न का मामला धार्मिक शास्त्रों से जुड़ा है, जिसमें महिलाओं और उनके चरित्र के बारे में अपशब्दों का प्रयोग किया गया है.”


इस धर्मिक ग्रंथ का किया जिक्र
इंद्रप्रस्थ कॉलेज में मंगलवार को ‘फेस्ट’ के दौरान कई पुरुषों ने कॉलेज की दीवार पर चढ़कर छात्राओं को परेशान किया था. गौतम ने कहा, “एक धार्मिक ग्रंथ जिसकी भारत में कुछ लोगों द्वारा पूजा की जाती है और जो हाल ही में चर्चाओं के केंद्र में रहा है, महिलाओं, जानवरों और शूद्रों को एक ही लीग में रखता है और मांग करता है कि उन्हें पीटा जाए.” उन्होंने कहा, “सभी को एकजुट होकर ऐसे सभी धर्मग्रंथों का बहिष्कार करना चाहिए जो महिलाओं के उत्पीड़न और लोगों के बीच भेदभाव की वकालत करते हैं.”


पहले भी रह चुके हैं विवादों में
वहीं राजेंद्र पाल गौतम की विवादत टिप्पणी से बीजेपी ने नाराजगी जताई है और इसका विरोध किया है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पलटवार करते हुए कहा कि टिप्पणी “अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के हिंदू विरोधी चेहरे को उजागर करती है”. बता दें कि इसके पहले रामचरितमानस पर बिहार सरकार में मंत्री चंद्रशेखर और यूपी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित टिप्पणी कर चुके हैं, जिसकी काफी आलोचना हुई थी. गौतम इन्ही की राह पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसके पहले भी वे विवादों में रह चुके हैं. विवाद की वजह से ही उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा था. 


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