Delhi News: दिल्ली सरकार मोटर व्हिकल एग्रीागेटर एंड डिलिवरी सर्विस प्रोइवाइडर स्कीम को जल्द अधिसूचित कर देगी. उप-राज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) ने भी इसकी मंजूरी दे दी. इसके तहत कई तरह के प्रावधान किए गए हैं जिसमें राजधानी में बाइक टैक्सी (Bike Taxi) चलाने को भी कानूनी मंजूरी दी गई है. कैब एग्रीगेटर स्कीम (Cab Aggregator Scheme) को लेकर दिल्ली के ट्रासपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिस दौरान उन्होंने पत्रकारों को यह जानकारी दी.


कैलाश गहलोत ने बताया कि पॉलिसी के तहत 2030 तक सारे वाहनों को किया इलेक्ट्रिफाइ कर दिया जाएगा.  इसी योजना के तहत दिल्ली में बाइक टैक्सी भी कानूनी रूप से चल सकेगी. सभी व्हीकल एग्रीगेटर्स को सेफ्टी और साफ सफाई का ध्यान रखना होगा. मंत्री ने बताया कि एग्रीगेटर्स को पांच साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा जिसके लिए फीस जमा करनी होगी. वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कोई फीस नहीं होगी. 


प्रदूषण को ध्यान में रखकर बनाई पॉलिसी- गहलोत
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश गहलोत ने कहा, ''देश में पहली बार किसी सरकार ने प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इतना बड़ा कदम उठाया है. 2030 के बाद जितने भी एग्रीगेटर्स हैं या पैसेंजर, डिलिवरी की कैटिगरी या ई-कॉमर्स की श्रेणी में हैं, चाहे वे किसी भी प्लेटफॉर्म पर हों, सभी इलेक्ट्रिक होंगे. क्योंकि इससे प्रदूषण से राहत मिलेगी.''


बसों पर लागू नहीं होगी स्कीम- कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत ने आगे बताया कि दिल्ली में ऐतिहासिक कदम उठाए गए जिससे लोगों को प्रदूषण से राहत मिली. बड़ी संख्या इलेक्ट्रिक बसों का इंडक्शन किया गया. है. कैब एग्रीगेटर स्कीम को नोटिफाइ किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा, '' मुख्य रूप से यह स्कीम तीन श्रेणी में लागू होगी. पहली- पैसेंजर ट्रांसपोर्ट यानी कि ओला और उबर जैसे एग्रीगेटर, दूसरा डिलीवरी ट्रांसपोर्ट जैसे कि स्वीगी या जोमैटो, और तीसरा ई-कॉमर्स वाले वाहन- जैसे फ्लिपकार्ट, बिग बास्केट, एमेजॉन.'' गहलोत ने बताया कि यह स्कीम बसों पर यह लागू नहीं होगी. सरकार की ओर से यह योजना ऐसे वक्त में लाई जा रही है जब राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बाद ग्रैप का तीसरा चरण हटा दिया गया है.


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