Delhi News: यदि आप दिल्ली (Delhi) के निवासी हैं और यदि आपने किसी वजह से अपना संपत्ति कर (property tax) जमा नहीं किया है तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल पूर्वकालिक तीनों निगमों में किसी भी वजह से संपत्तिकर जमा न कर पाने वाले रिहायशी एवं व्यावसायिक मालिकों को बड़ी राहत दी गई है. निगम ने आम माफी योजना (Tax amnesty scheme) की घोषणा की है जिसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों, अनधिकृत नियमित कॉलोनियों, लाल डोरा, विस्तारित लाल डोरा, गांवों की विस्तारित आबादी और कश्मीरी प्रवासियों को आवंटित संपत्तियों में रहने वालों को रिहायशी संपत्ति पर दो साल का संपत्तिकर जमा करने पर 16 साल और गैर रिहायशी संपत्ति पर चार साल का संपत्तिकर जमा करने पर 14 साल का बकाया माफ हो जाएगा. यही नहीं इस पर लगने वाला जुर्माना व ब्याज भी नहीं देना होगा.


15 सितंबर से 31 मार्च तक लागू रहेगी स्कीम
दिल्ली नगर निगम के अनुसार यह स्कीम 15 सितंबर  से 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी. निगम की मानें तो उपरोक्त कालोनियों की रिहायशी संपत्तियों के करदाताओं को वित्त वर्ष 2021-22 व 2022-23 के संपत्ति कर (केवल मूल राशि) का ही भुगतान करना होगा और वर्ष 2004-05 से 2020-21 तक का बकाया माफ हो जाएगा. इसी तरह इन्ही कॉलोनियों की गैर रिहायशी संपत्ति मालिकों को वित्त वर्ष 2022-23, 2021-22, 2020-21, 2019-20 का बकाया संपत्ति कर (केवल मूल राशि) का ही भुगतान करना होगा. वर्ष 2004-05 से 2018-19 तक का बकाया माफ हो जाएगा.


चेक से भुगतान करने के मामले भी शामिल
निगम ने कहा कि इस योजना में उन मामलों को भी शामिल किया गया है जिन्होंने संपत्तिकर का भुगतान चेक से किया था, लेकिन चेक बाउंस हो गया था. ऐसे नागरिक भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा बकाया संपत्तिकर जमा न करने पर जो संपत्तियां अटैच हो गई हैं, उनके मालिक भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.  


योजना का लाभ लेने के बाद मुकदमा वापस लेना होगा
निगम ने कहा कि यदि संपत्तिकर को लेकर कोई केस अदालत या नगर निगम ट्रिब्यूनल में लंबित है, ऐसी संपत्ति के मालिक भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन उन्हें 10 रुपए के स्टांप पेपर पर हलफनामा देना होगा. उन्हें बताना होगा कि वे आम माफी योजना का लाभ लेने के बाद अपना मुकदमा वापस ले लेंगे. 


ऐसे मामलों पर लागू नहीं होगी योजना
नगर निगम ने यह भी कहा कि यदि किसी भी सयम यह पाया जाता है कि करदाता ने कर की सही राशि जमा नहीं की है या जानबूझकर तथ्यों को छुपाया है, ऐसे करदाताओं पर यह योजना लागू नहीं होगी. इसके अलावा कंप्यूटर से चुने गए 10 प्रतिशत आवेदनों की जांच भी की जाएगी.


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