Delhi Pollution News: ​देश की राजधानी दिल्ली में सर्दी की शुरुआत अभी नहीं हुई है, लेकिन वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब हो गया है. एक्यूआई खराब होने से राजधानी में सुबह हो या शाम, घर से बाहर निकलना लोगों का मुश्किल हो गया है. खासकर बुजुर्ग और कम उम्र के बच्चों के लिए. नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक भी राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति लोगों की चिंता बढ़ाने वाली है. बुधवार को प्रदूषण से राहत मिली है पर इतना नहीं कि आप ज्यादा राहत महसूस कर सकें. राहत ये है कि एक्यूआई बहुत खराब से खराब स्थिति में है. 


SAFAR-India के अनुसार दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 190 है, जो 'मध्यम' श्रेणी में है. यानी खराब है. वायु प्रदूषण की मार से राजधानी का सबसे वीवीआईपी इलाका यानी कर्तव्य पथ और इंडिया गेट भी अछूता नहीं है. दिल्ली के मॉर्निंग वॉकर्स का भी कहना है कि दिल्ली में सुबह पांच बजे भी शुद्व हवा मिलना मुश्किल हो गया है. 



प्रदूषण का लोगों के हेल्थ पर बुरा असर


दिल्ली में खराब वायु प्रदूषण की वजह से राजधानी के आम लोग ही नहीं बल्कि मॉर्निंग वॉकर्स भी परेशान हैं. इंडिया गेट के पास हर रोज तड़के साइकिल से मॉर्निंग वाक पर निकलने वाले सुयोग सालुखे कहते हैं, "सर्दियां अभी शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन प्रदूषण का स्तर पहले से काफी ज्यादा बढ़ गया है. साइकिल चालकों के रूप में जब मैं सुबह 5 बजे अपने घर से बाहर निकलता हूं, उस समय इस बात की उम्मीद होती है कि दिल्ली में शुद्ध शुद्ध मिलेगी, लेकिन आजकल ऐसा नहीं है. इसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.



प्रदूषण से सांस लेने में होती है समस्या


मूल रूप से गुवाहाटी निवासी और लाल किले के आसपास के इलाके में सुबह की सैर करने वाले बिष्णु कुमार पाल कहते हैं, "दिल्ली में वायु प्रदूषण बहुत अधिक है. मैं गुवाहाटी से हूं और कल ही यहां आया हूं. वहां प्रदूषण इतना अधिक नहीं है. मैं, मास्क लेकर आया हूं, हर किसी के पास मास्क होना चाहिए. मैं वृद्ध हूं, मुझे प्रदूषण के कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है, इसलिए मुझे सुरक्षित रहने की जरूरत है."



जामा मस्जिद इलाके में मॉर्निंग वॉक मुश्किल 


इसी तरह हर रोज लाल किले के आसपास के क्षेत्र में सुबह की सैर करने वाले राकेश कहते हैं, "पहले, हम यहां से जामा मस्जिद, भागीरथ पैलेस, सुबह के समय यानी 4 बजकर 30 मिनट पर पैदल चलते थे. हम सुबह 8 से 9 बजे तक चल सकते थे. अब, हम केवल आधे घंटे के लिए सुबह के समय मॉर्निंग वाक कर पाना मुश्किल है. ऐसा इसलिए कि प्रदूषण बढ़ गया है. मुख्य कारण वाहनों की आवाजाही है. वाहनों की आवाजाही से प्रदूषण तो बढ़ने के साथ अब मॉर्निंग वाक करना मुश्किल है'.


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