JNUSU Election 2024: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव की घड़ी अब बिल्कुल नजदीक आ चुकी है. बुधवार को प्रचार का आखिरी दिन था. जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए 22 मार्च को मतदान होगा. मतदान के बाद 24 मार्च को नतीजों की घोषणा की जाएगी. चुनावी शोर खत्म होने से पहले छात्र संगठनों ने प्रचार के पुराने तरीकों पर भरोसा जताया.


चुनाव मैदान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और  नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) प्रमुख रूप से हैं. जेएनयूएसयू चुनाव में उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए छात्र संगठनों ने दमखम लगा दिया है. प्रचार के पुराने तरीकों को अपनाते हुए उम्मीदवार मेस कैंपेन, वॉल पेंटिंग, हॉस्टल कैंपेन, मशाल जुलूस से सम्पर्क अभियान चला रहे हैं. कल बुधवार की दोपहर झेलम छात्रावास के सामने सेंट्रल पैनल डिबेट का आयोजन हुआ.


सेंट्रल पैनल डिबेट में वादों की झड़ी


सेंट्रल पैनल डिबेट में एबीवीपी के उम्मीदवारों ने हुंकार भरते हुए कैंपस से लेफ्ट विंग को बाहर करने का संकल्प दोहराया. एबीवीपी ने उपाध्यक्ष पद के लिए दीपिका शर्मा को मैदान में उतारा है. उन्होंने बराक हॉस्टल के ताले को खुलवाने का वादा किया. कैंपस में स्वीकृत हो चुके 10 नए स्कूल और 6 नए हॉस्टल की नींव रखने का भी काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने लगातार छात्र हितों से जुड़े मुद्दों को उठाया है. ऐसे में पहले से ज्यादा छात्रों का समर्थन मिल रहा है. दीपिका शर्मा जीत ने छात्र संघ चुनाव में जीत की दावेदारी की. 


एबीवीपी ने लेफ्ट पर बोला हमला


सचिव पद के लिए एबीवीपी उम्मीदवार अर्जुन आनंद ने लेफ्ट विंग पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि वाम नीत जेएनयूएसयू ने जेएनयू को दुखों के अलावा और कुछ नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि एबीवीपी की लड़ाई देश को विखंडित करने वाली ताकतों के खिलाफ है. एबीवीपी प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि लेफ्ट विंग को कैंपस में छात्र हितों का मुद्दा उठाने की फुर्सत नहीं है. एबीवीपी का एजेंडा है कि जेएनयू में छात्र हितों की बात हो. जेएनयू में प्रशासनिक और एकेडमिक स्तर पर हो रही गड़बड़ियों का समाधान किया जाएगा.


बराक हॉस्टल जल्द से जल्द खोला जाए. एबीवीपी मांग करती है कि जेएनयूएसयू में पड़े हुए 500 करोड़ के फंड से निर्माण कार्य हो. पैनल डिबेट में एबीवीपी की तरफ से संयुक्त सचिव के प्रत्याशी गोविंद दांगी ने भी जमकर लेफ्ट पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विश्व भर में वामपंथियों का इतिहास खून से सना है. वामपंथी छात्र संघ ने जेएनयू के एकेडेमिक्स से लेकर प्रशासन तक सबको भ्रष्ट कर रखा है.


गोविंद दांगी ने कहा कि भारत लेनिन और माओ की धरती नहीं है, बल्कि गोलवलकर और सावरकर की धरती है. उन्होंने देश के लिए सब कुछ न्योछावर किया. आगे उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड में जेएनयूएसयू के पदाधिकारी सत्ता का स्वाद चखते रहे. पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़कर जमानत जब्त करा रहे थे. उस समय एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कैरियर को दांव पर लगाकर जेएनयू परिसर को खुलवाने का काम किया. उन्होंने दावा किया इस चुनाव में विजय का शंखनाद हो चुका है और चारों सीटों पर प्रत्याशियों को जीत मिल रही है.


Delhi: दिल्ली पुलिस ने आपात कॉल पर बनाए ग्रीन कॉरिडोर, IGI एयरपोर्ट से द्वारका तक 18 मिनट में पहुंचाया लिवर