बिहार के सारण से बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के चुनाव में 25 साल से अधिक समय से कायम अपना दबदबा बनाए रखा.
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार (12 जुलाई) को हुए चुनाव में एक को छोड़कर रूडी के पैनल के सभी सदस्यों ने जीत हासिल की. क्लब में आमतौर पर सचिव (प्रशासन), सचिव (खेल), सचिव (संस्कृति), कोषाध्यक्ष और 11 कार्यकारिणी सदस्य पदों के लिए चुनाव होते हैं.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला पहले ही बीजेपी राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार वर्मा के नामांकन वापस लेने के बाद सचिव (खेल) के पद पर निर्विरोध चुने गए. इसी तरह, डीएमके सांसद तिरुची शिवा ने पूर्व बीजेपी सांसद प्रदीप गांधी के नामांकन वापस लेने के बाद सचिव (संस्कृति) का पद जीत लिया.
कोषाध्यक्ष का पद भी निर्विरोध रहा. दरअसल, भारत राष्ट्र समिति के पूर्व सांसद ए. पी. जितेंद्र रेड्डी ने नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद डीएमके सांसद पी. विल्सन ने जीत दर्ज की.
11 नेता किन दलों के हैं?
राजीव प्रताप रूडी के पैनल में बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शामिल थे. 11 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति में चुने गए सदस्यों में बीजेपी के चार, कांग्रेस के दो, सपा, टीएमसी, आरएसपी, बीजेडी और शिवसेना के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
11 नेताओं में नरेश अग्रवाल (बीजेपी), प्रसून बनर्जी (टीएमसी), प्रदीप गांधी (बीजेपी), नवीन जिंदल (बीजेपी), दीपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस), एन. के. प्रेमचंद्रन (आरएसपी), प्रदीप कुमार वर्मा (बीजेपी), जसबीर सिंह गिल (कांग्रेस), कालिकेश नारायण सिंह देव (बीजेडी), श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना) और अक्षय यादव (सपा) शामिल हैं.
राजीव प्रताप रूडी को कितने वोट मिले?
रूडी ने अपनी ही पार्टी के जाट नेता संजीव बालियान को सचिव पद के चुनाव में 100 वोटों से हराया. खास बात थी कि इस चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसे दिग्गजों ने मतदान किया.
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के पदेन अध्यक्ष लोकसभा स्पीकर होते हैं, लेकिन सचिव इसके कार्यकारी कामकाज में अहम भूमिका निभाता है. राजीव प्रताप रूडी को 391 वोट मिले, जबकि बालियान को 291 वोट मिले. अधिकारियों ने बताया कि 1,295 वर्तमान और पूर्व सांसदों के कुल मतदाताओं में से 680 से अधिक वैध वोट डाले गए, जो क्लब के पदाधिकारियों के चुनाव में अब तक के सबसे अधिक मतदान में से एक है.
1940 के दशक में सांसदों के लिए बने इस क्लब में कॉन्फ्रेंस रूम, कॉफी क्लब और एक आउटडोर कैफे हैं. सांसदों के लिए लाउंज के साथ-साथ यहां बिलियर्ड्स रूम, जिम, यूनिसेक्स सैलून और स्विमिंग पूल भी है.
जीत के बाद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “यह सभी सांसदों की शानदार जीत है और उन सभी की भी, जो वोट देने आए और पिछले दो दशकों से टीम के अथक प्रयासों का समर्थन किया, यह एक शानदार अनुभव है.”
चुनाव ने खूब बटोरी सुर्खियां
बीजेपी बनाम बीजेपी के इस मुकाबले में विपक्षी INDIA गठबंधन के सदस्य रूडी के पीछे एकजुट दिखे, जबकि बालियान का प्रचार बीजेपी के ही सांसद निशिकांत दुबे ने किया. बालियान को बीजेपी के सदस्यों से अधिक समर्थन मिला. हालांकि उनमें से कुछ ने मौजूदा पदाधिकारी रूडी को भी वोट दिया.
क्लब का इस बार का चुनाव सोशल मीडिया पर ट्रेंड और कई खबरों का कारण बना. रूडी का व्यक्तिगत जुड़ाव, उनके बिहार से संबंध और जातीय समीकरण भी अहम रहे, खासकर इसलिए क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी संजीव बालियान को इससे पहले क्लब के कामकाज में खास दिलचस्पी लेते नहीं देखा गया था. बालियान मोदी कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं.
दिलचस्प रहा कि प्रचार के दौरान दोनों उम्मीदवारों ने विवाद से परहेज किया, लेकिन ‘ठाकुर बनाम जाट’ और ‘बीजेपी बनाम बीजेपी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता रहा.
निशिकांत दुबे का बड़ा इशारा
निशिकांत दुबे ने इशारा किया कि रूडी को विपक्षी दलों से समर्थन मिला.दुबे ने कहा कि बालियान की मजबूती का ही असर था कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वोट देने आए.
उन्होंने दावा किया कि जब 2005 और 2010 में कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल ने रूडी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तब न तो गांधी और न ही तत्कालीन यूपीए सरकार के किसी मंत्री ने मतदान किया था.
टीएमसी का तंज
एक क्लब अधिकारी ने बताया कि इस चुनाव से पहले तक रूडी को कभी भी चुनावी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा था, क्योंकि उन्हें 1999 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष जी. एम. सी. बालायोगी ने इस पद पर नामित किया था. इसके बाद पदों के लिए 2009 में चुनाव शुरू हुए थे.
तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने चुनाव रिजल्ट को लेकर एक्स पर दावा किया कि अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा द्वारा समर्थित उम्मीदवार, जिनके साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू और कुछ राज्यपालों ने भी मतदान किया, हार गया.
क्या बोले संजीव बालियान?
रूडी से मिली हार के बाद मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद संजीव बालियान ने कहा कि कान्स्टिट्यूशन क्लब निर्वाचन में प्राप्त जनादेश को मैं धैर्य एवं आत्ममंथन के भाव से स्वीकार करता हूं. संघर्ष की यह परिपाटी यथावत रहेगी, क्योंकि लोकतंत्र में निरंतरता ही असली विजय है. सभी माननीय सदस्यों का हार्दिक आभार एवं विजयी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को बधाई.''