Delhi News: दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा लागू अध्यादेश के खिलाफ जहां प्रदेश में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट करने में लगे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने बुधवार को केंद्रीय अध्यादेश का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मैं, आश्चर्यचकित हूं कि देश के बड़े-बड़े नेता केंद्रशासित प्रदेश और राज्य का मतलब ही नहीं समझते. भारतीय संविधान में केंद्रशासित प्रदेश को वो अधिकार नहीं मिले हैं, जो राज्यों को हासिल है. 


दिल्ली कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने केंद्र के अध्यादेश पर मीडिया से बाचतीत में कहा है कि जो  व्यवस्था आज दिल्ली में है, उसका मैं समर्थन करता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र से कहा कि आपको यहां की सर्विसेज को अपने पास रखना तो आप कानून बनाकर ऐसा कर लीजिए. केंद्र सरकार ने वही किया. मैं इसका समर्थन करता हूं.



दिल्ली के सीएम की दिक्क्त...


संदीप दीक्षित ने बातचीत के दौरान आगे कहा कि जितने भी विपक्ष के नेता सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ हैं, उनसे आग्रहपूर्वक कहता हूं कि दिल्ली और राज्यों जैसी नहीं है. दिल्ली के सीएम विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर झूठ फैला रहे हैं. वो गलत कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह दिल्ली के लिए अधिकार ले लेंगे. वो... की बात कर रहा है. सीएम अरविंद केजरीवाल की दिक्कत यह है कि वो जिस थाली में खाता है, उसी में छेद करता है.


8 से 10 साल के लिए जा सकते हैं जेल


संदीप दीक्षित ने यह भी कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि अगर उनके पास सतर्कता विभाग का नियंत्रण नहीं रहा तो उन्हें कम से कम 8 से 10 साल के लिए जेल भेज दिया जाएगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के आठ दिन बाद एक अध्यादेश लाकर उसके असर को पलट दिया. यही वजह कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सभी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हुए हैं. 
 
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