Delhi News: दिल्ली में जी20 सम्मेलन को लेकर जारी गहमागहमी के बावजूद लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर सियासी दलों के बीच घमासान कम होने का नाम नहीं ले रहा. एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) देश से बाहर रहकर भी बीजेपी और पीएम मोदी (PM Narendra Modi) पर हमला बोल रहे हैं, ​तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जी20 की प्रभावी तैयारियों का क्रेडिट लूटने में लगी है. इस बीच देश के सात सीटों पर उपचुनाव का परिणाम बीजेपी के खिलाफ जाने से भी विपक्षी दलों के नेता सत्ताधारी पार्टी पर आक्रामक हो गए हैं. 


हालांकि, दिल्ली का सियासी समीकरण थोड़ा अलग है. दिल्ली विधानसभा में आप की प्रचंड बहुमत वाली सरकार है, तो लोकसभा की सभी सात सीटों पर लागातार दो बार से बीजेपी सभी सीटों पर जीत हासिल करती आई है. वहीं दिसंबर 2022 में 15 साल बाद एमसीडी चुनाव में बीजेपी की हार के बाद से आप नेता दावा करने लगे हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव का परिणाम भी पहले से अलग होगा, लेकिन इस बारे में अलग-अलग सर्वे के रुझानों में अभी भी दिल्ली की सभी सातों सीटों पर बीजेपी की पकड़ बरकरार है. हालांकि, इस बार वोट प्रतिशत कम होने संभावना है. 


BJP को हराना मुश्किल 


फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी को तीसरी बार लगातार केंद्र की सत्ता में आने से रोकने के लिए इंडिया में शामिल सभी 28 पार्टियों ने अपने अपने स्तर पर केंद्र के खिलाफ मोर्चे खोल दिए हैं. इसके बावजूद दिल्ली में बीजेपी को हराना मुश्किल है. ऐसा इसलिए कि अगर हम पिछले दो लोकसभा चुनाव परिणामों की की बात करें तो दिल्ली लोकसभा चुनाव ​2019 में अकेले 56.9 प्रतिशत मत मिल थे. वहीं कांग्रेस को कांग्रेस 22.5 और आप को 18.1 प्रतिशत मत मिले थे. अगर लोकसभा चुनाव परिणाम 2014 की बात करें तो दिल्ली में बीजेपी को 46.40 प्रतिशत, आप 32.90 प्रतिशत और कांग्रेस 15.10 प्रतिशत ​वोट मिले थे. दोनों चुनाव में बीजेपी सभी सात सीटों पर जीत हासिल करने में सफल हुई थी.


क्या कहते हैं आंकड़े


आंकड़े के लिहाज से देखें तो दिल्ली के सियासी हालात बीजेपी के पक्ष में हैं. अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो जाए तो मत प्रतिशत में परिवर्तन हाएगा, लेकिन तब भी बीजेपी की हार की संभावना कम है. ऐसा इसलिए कि लोकसभा चुनाव 2019 मों बीजेपी को अकेले 56.9 फीसदी वेट मिले थे. कांग्रेस और आप के वोट प्रतिश को जोड़ भी दिया ताए तो इंडिया गठबंधन का वोट प्रतिशत विगत चुनाव के हिसाब से 46.6 प्रतिशत बैठता है. अगर साल 2014 का परिणाम रिपीट करें तो कांग्रेस प्लस आप का वोट प्रतिशत बीजेपी से डेढ़ प्रतिशत ज्यादा बैठता है, लेकिन ऐसा होगा ही यह तय नहीं माना जा सकता है. ऐसा इसलिए कि दोनों चुनाव के बीच ठीक 10 साल का अंतर है. दूसरी तरफ अभी सौ फीसदी यही तय नहीं है कि कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ेंगे या नहीं.