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पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लगातार हो रहे अमानवीय अत्याचार, हिंसा और नृशंस हत्याओं ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है. इन्हीं घटनाओं के विरोध में आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जेएनयू इकाई ने जोरदार प्रतिवाद दर्ज कराते हुए उग्र इस्लामिक कट्टरता के प्रतीकात्मक पुतले का दहन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग उठाई गई.

हाल ही में बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में हुई घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है. यहां कट्टर इस्लामिक तत्वों ने दीपु चंद्र दास नामक निर्दोष हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या कर दी. दीपु एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था और उसी क्षेत्र में किराए के मकान में रहता था.

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भीड़ ने घर में घुसकर की निर्मम हत्या

पुलिस के अनुसार रात करीब 9 बजे कुछ लोग दीपु के घर में घुस आए. पैगंबर मुहम्मद के अपमान का आरोप लगाकर उसे भीड़ ने पकड़ा, बुरी तरह पीटा और बेरहमी से मार डाला. हत्या के बाद भी कट्टरपंथियों का दिल नहीं भरा और उन्होंने शव को पेड़ से बांधकर आग के हवाले कर दिया.

घटना के खिलाफ जेएनयू में आक्रोश

इस जघन्य हत्या के विरोध में ABVP जेएनयू इकाई ने उग्र इस्लामिक कट्टरता के प्रतीकात्मक पुतले का दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती.

वामपंथी संगठनों की चुप्पी पर सवाल

प्रदर्शन के दौरान जेएनयू के वामपंथी संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए. ABVP का कहना है कि जो संगठन फिलिस्तीन और ग़ाज़ा जैसे मुद्दों पर दिन-रात प्रदर्शन करते हैं, वही बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर पूरी तरह मौन हैं. यह चयनात्मक संवेदनशीलता और राजनीतिक पाखंड का खुला उदाहरण है.

ABVP जेएनयू इकाई अध्यक्ष मयंक पांचाल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार किसी एक देश का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि मानवता के विरुद्ध अपराध हैं. उन्होंने कहा कि जो संगठन हर अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं, उनका इस विषय पर मौन रहना उनकी सच्चाई को उजागर करता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये संगठन और इनके देशी-विदेशी आका इस जघन्य अपराध पर लीपापोती करने की कोशिश करेंगे, जिसे अभाविप कभी सफल नहीं होने देगी.

पुतला दहन को बताया चेतावनी

अभाविप जेएनयू मंत्री प्रवीण के. पीयूष ने कहा कि यह पुतला दहन केवल प्रतीकात्मक विरोध नहीं, बल्कि उन विचारधाराओं के खिलाफ चेतावनी है जो साम्प्रदायिक कट्टरता और हिंसा को बढ़ावा देती हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि निर्दोषों की हत्या पर चुप्पी भी अपराध है और जेएनयू का छात्र समुदाय इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाता रहेगा.