Delhi University Student Protest: देश की राजधानी में स्थित दिल्ली विश्वविद्वालय के आर्ट फैकल्टी गेट नंबर तीन के बाहर आज अनिवार्य उपस्थित नीति के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र संगठनों ने शहीद भगत सिंह कॉलेज के उन सभी 1400 छात्रों को प्रवेश पत्र प्रदान करने की मांग की, जिन्हें कॉलेज से वंचित कर दिया गया. 


आइसा से जुड़े छात्रों ने हंसराज कॉलेज, जीसस एंड मैरी और आर्यभट्ट जैसे कॉलेजों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग की प्रथा का भी पुरजोर विरोध किया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एसबीएससी ग्रेडेड डिटेंशन सिस्टम के भी खिलाफ नजर आए.


पीटीएम की प्रथा खतरनाक


छात्र नेता अनन्या और रूपाली ने कहा कि पैरेंट्स टीचर मीटिंग की यह प्रथा महिला छात्रों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है, जहां कॉलेज परिवार की मदद से स्कूल जैसा अनुशासन लागू करने की कोशिश करता है. वहीं, आइसा डीयू अध्यक्ष शांतनु ने कहा कि छात्रों के माता-पिता से जवाबदेही मांगना पूरी तरह से बेतुका है. जबकि डीयू प्रशासन को ही जवाबदेह होना चाहिए.


डीन के जवाब से छात्रों में रोष 


छात्र नेता सनातन ने SEC, VAC और AEC जैसे फर्जी पेपर में अनिवार्य उपस्थिति पर सवाल उठाया. प्रदर्शन के बाद 4 छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल पहले से बताई गई सभी मांगों के साथ स्टूडेंट वेलफेयर के डीन से मिला और छात्रों की समस्याओं पर चर्चा कर उनकी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि ज्ञापन के जवाब में डीन ने छात्रों को भरोसा दिलाया है कि वे संबंधित कॉलेजों के प्रिंसिपलों से इस मामले पर चर्चा करेंगे और छात्रों की हरसंभव मदद करेंगे. 


छात्रों का न उड़ाएं मजाक 


छात्र नेताओं के मुताबिक अनिवार्य उपस्थिति और PTM के विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों में डीन के जवाब से रोष की भावना नजर आई. उनका कहना है कि डीन की यह प्रतिक्रिया परेशान छात्रों का मजाक उड़ाने जैसा है, जो कल से परीक्षा नहीं दे पाएंगे. ऐसा होने पर उन्हें अगले साल फिर से परीक्षा देनी होगी.


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