Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में दिल्ली में बीजेपी की सियासी झटका देने के लिए एक तरफ इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A. Alliance) दलों के बीच तालमेल पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ दिल्ली कांग्रेस (Congress) ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली (Delhi) के बवाना में एक बड़ी बैठक का आयोजन कर साफ कर दिया है ​कि आगामी चुनाव के लिए वो अभी से मैदान में है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिमी दिल्ली के सिख बहुल इलाके में ​1984 सिख दंगों (Anti Sikh Riots 1984 ) के दशकों के बाद बड़ी जनसभा करेगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस साप्ताहिक शक्ति प्रदर्शन के जरिए राजधानी के चारों कोनों में पार्टी के पक्ष में हवा बनाने की रणनीति पर काम कर रही है. 


इस रणनीति के तहत पार्टी की बीते रविवार को उत्तर पश्चिम दिल्ली में एक बैठक भी हो चुकी है. 1984 के दंगों के कई दशकों बाद इस तरह के बैठकों से कांग्रेस को सिख-बहुल पश्चिमी दिल्ली में पकड़ बनाने में मदद मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हर सप्ताकि बैठक में समर्थकों की संख्या 5 से 7 हजार बीच रखने की योजना है. 


दिसंबर से पहले 400 छोटी जनसभा करेंगे लवली


दिल्ली कांग्रेस (Congress Party) पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि, “पार्टी जमीन पर उतरने और राजधानी के सातों लोकसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाने की तैयारी में जुटी है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली द्वारा  दिसंबर 2023 तक 300 से 400 से अधिक छोटी-बड़ी सार्वजनिक बैठकों की अध्यक्षता करने की संभावना है. इन सभाओं में 50 से 100 की संख्या में लोग शामिल होंगे. बीते रविवार को बवाना बैठक के बाद पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस तरह की दूसरी सार्वजनिक बैठक पूर्वोत्तर दिल्ली के मुस्तफाबाद में लोनी बॉर्डर पर और उसके बाद पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में आयोजित की गई थी. पिछले 30 वर्षों में इस क्षेत्र में कांग्रेस की बैठक का ऐसा पहला आयोजन है.


इंदिरा की पसंदीदा जगह पर भी रैली 


कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि नजफगढ़ बॉर्डर और ओखला में भी ऐसी रैलियां होंगी. इन सबके बीच पार्टी पूर्वी दिल्ली के शाहदरा अनाज मंडी में एक भव्य सार्वजनिक बैठक आयोजित करने वाली है. इसे दिल्ली में सार्वजनिक बैठकों के लिए पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की पसंदीदा जगहों में से एक माना जाता है.


ये है कांग्रेस की रणनीति


बता दें कि ​जुलाई 2023 में दिल्ली कांग्रेस ने घोषणा की थी कि अपने जमीनी स्तर के कैडर को फिर से खड़ा करे के लिए "प्रभावी व्यक्तियों" को पार्टी से जोड़ने की योजना है. पार्टी की यह रणनीति राजधानी में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के रोडमैप की नींव बनेगी. एक संगठनात्मक प्रस्ताव में पार्टी ने कहा था कि बीजेपी और आप दोनों के कुशासन को पूरी तरह से उजागर करके दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटें जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. इतना ही नहीं, पार्टी ने योग्यता के आधार पर नियुक्तियों के साथ ब्लॉक स्तर से ऊपर तक अपनी राज्य इकाई का विस्तार करने का भी संकल्प लिया था. इसके लिए प्रवक्ताओं, पेशेवरों, बुद्धिजीवियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली लोगों को खुद से जोड़ने और पार्टी छोड़ने वालों से ऐसा न करने की अपील करने का भी संकल्प लिया था. 


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