Delhi News: दिल्ली के मुखर्जी नगर (Mukherjee Nagar Fire) इलाके के स्थित कोचिंग सेंटरों (Coaching Center) में आये दिन फायर की घटनाओं को एमसीडी (MCD Sealing) की ओर से ​सीलिंग की कार्रवाई जारी है. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने भी कोचिंग संस्थानों की लापरवाही को लेकर सख्त रुख के संकेत दिए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. दिल्ली मास्टर प्लान 2021  (Delhi Master Plan 2021) के तहत नियमों का पालन नहीं करने वाले कोचिंग केंद्रों को बंद करना होगा. खासकर मुखर्जी नगर इलाके में संचालित कोचिंग संस्थान.


दिल्ली हाईकोर्ट का यह रुख उस समय सामने आया जब मंगलवार को मुखर्जी नगर में कोचिंग केंद्रों के संचालन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी. कोचिंग केंद्रों के एक संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने मंगवार को अदालत के सामने दावा किया कि वे मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं. इसके जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि यह अधिकारियों को देखना है कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. किसी संस्थान विशेष के दावों के भरोसे हम इस मसले को नहीं छोड़ सकते. 


दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा, 'विद्यार्थियों की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.' दिल्ली उच्च न्यायालय ने जून में मुखर्जी नगर के एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर खुद कार्यवाही शुरू की थी. हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर के निवासियों और कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा पक्षकार बनाने के लिए दायर दो अलग-अलग आवेदनों को भी अनुमति दे दी है. अदालत ने कहा कि दोनों को इस मामले में पक्षकार बनाया गया है. वे मामले में जवाब दाखिल करने के लिए स्वतंत्र हैं. कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को सुना जाना जरूरी है.


दिल्ली सरकार, एमसीडी, पुलिस को नोटिस जारी


कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के आदेश की समीक्षा की मांग करते हुए एक याचिका भी दायर की है. इसमें अग्निशमन सेवा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना यहां चल रहे सभी कोचिंग केंद्र को बंद करने का निर्देश दिया गया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), राज्य सरकार और मुखर्जी नगर थाने के प्रभारी को चार सप्ताह के भीतर मामले में अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा. पीठ ने कहा है कि हमारा आदेश बिल्कुल स्पष्ट है. अगर कोई कोचिंग सेंटर दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के अनुरूप नहीं है, तो उसे बंद करना होगा. यह देखना अधिकारियों का काम है कि आप एमपीडी 2021 के मानदंडों का अनुपालन करते हैं या नहीं.


583 में से सिर्फ 67 के पास फायर NOC


दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए 23 नवंबर को सूचीबद्ध कर दिया. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने एक रिपोर्ट में अदालत को सूचित किया था कि राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे 583 कोचिंग केंद्रों से केवल 67 के पास दिल्ली अग्निशमन सेवा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) है.


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