New Delhi: दिल्ली में नगर निगम का चुनाव जोर पकड़ रहा है. राजनीतिक दल उम्मीदवारों के चयन के साथ-साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. दिल्ली में इस बार का मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से कूडे पर सियासत हो रही है, उससे लग रहा है कि इस बार का चुनाव कूड़े पर ही लड़ा जाएगा.


दिल्ली नगर निगम की लड़ाई


दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी लगातार यह आरोप लगा रही है कि बीजेपी ने दिल्ली में कूड़े के पहाड़ खड़े कर दिए हैं. आप का इशारा गाजीपुर, ओखला और भलस्वा की लैंडफिल साइट की ओर होता है. उसका आरोप है कि बीजेपी दिल्ली में 16 और पहाड़ बनाने की आरोप लगा रही है. वहीं बीजेपी इन आरोपों को लेकर बचाव की मुद्रा में है. वह यमुना की सफाई का मुद्दा उठा रही है. आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर के बीच एबीपी न्यूज़ और सी वोटर ने दिल्ली में एक सर्वे किया. इसमें यह जानने की कोशिश की गई कि नगर निगम के चुनाव में मुद्दा क्या है. इसमें चौंकाने वाले नतीजे आए.


चुनाव की घोषणा के बाद एबीपी न्यूज़ ने एमसीडी चुनाव को लेकर यह पहला सर्वे है. एबीपी न्यूज़ के लिए यह सर्वे C Voter ने किया. यह सर्वे एक हजार 291 लोगों के बीच किया गया. सर्वे में शामिल लोगों से जब एमसीडी चुनाव के मु्द्दों को लेकर सवाल किया गया तो 13 फीसदी लोगों ने बिजली-पानी को चुनावी मुद्दा बताया. वहीं 23 फीसदी ने प्रदूषण, 20 फीसदी ने सफाई, 13 फीसदी ने भ्रष्टाचार, 24 फीसदी ने महंगाई और सात फीसदी लोगों ने सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बताया. 


यमुना की सफाई न होने का जिम्मेदार कौन


वहीं जब सर्वे में शामिल लोगों से यह पूछा गया कि दिल्ली में यमुना को साफ न करने के लिए कौन जिम्मेदार है. इस सवाल पर 58 फीसदी लोगों ने कहा कि इसके लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार हैं. वहीं 42 फीसदी लोगों ने इसके लिए एमसीडी को जिम्मेदार ठहराया. वहीं जब उनसे यह पूछा गया कि क्या दिल्ली में प्रदूषण की भारी समस्या के बीच चुनाव कराने आप को नुकसान होगा, इस सवाल पर सर्वे में शामिल 60 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया और 40 फीसदी लोगों का मानना था कि नहीं, इससे आप को कोई नुकसान नहीं होगा. 


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