Delhi News: आगामी लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में होना है. उससे पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) भी होंगे. विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी चर्चा अभी से चरम पर है. इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) भी इन राज्यों में पूरी दमखम के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आप की जमीनी तैयारी एमपी की तुलना अच्छी मानी जा रही है. इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली अध्यादेश के मसले पर भी अपने पक्ष में हवा बनाने में लगे हैं.


कांग्रेस को नुकसान की संभावना


आप के नेताओं का प्रयास यह है कि इस मसले पर बीजेपी को लोकतंत्र विरोधी पार्टी साबित किया जाए. इस मसले पर कांग्रेस का साथ मिलना आप के लिए बड़ी उपलब्धि है. हालांकि, आप के चुनाव लड़ने की स्थिति में भी मुख्य मुकाबला तीनों स्टेट में कांग्रेस और बीजेपी ही होनी है. इस बीच एबीपी न्यूज सी वोटर के सर्वे में चौंकाने वाले संकेत मिले हैं. सर्वे में लोगों से जब यह सवाल पूछा गया कि एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान में आप के चुनाव लड़ने से नुकसान किसे होगा? इसके जवाब में लोगों का ओपिनियन चौंकाने वाले हैं. एबीपी सी वोटर सर्वे के मुताबिक एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होने की संभावना है. सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक आप के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को पहले की तुलना में 41% नुकसान उठाना पड़ सकता है. नुकसान तो बीजेपी का भी होगा, लेकिन कांग्रेस से कम. बीजेपी को 22 प्रतिशत नुकसान का अनुमान है. सर्वे में शामिल 15 फीसदी लोग इस मसले पर स्पष्ट राय नहीं रख पाए. कुल मिलाकर तीनों राज्यों में आप का विधानसभा चुनाव लड़ने पर औसतन दोनों पर्टियों को 22 फीसदी का नुकसान होगा. 


ये है ज्यादा नुकसान की वजह


जहां कि आप की बात है कि आम आदमी पार्टी का जनाधार एक दशक पहले अस्तित्व में आने के बाद से बढ़ा ही है. आप नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का अधिकांश मतदाता कांग्रेस के समर्थक हैं. दिल्ली और पंजाब में सत्ता पर पकड़ बनाने के पीछे कांग्रेस के परंपरागत मतदाताओं का ही योगदान है. यही वजह है कि आप के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को ज्यादा नुकसान होने की संभावना है. वहीं राष्ट्रवाद और आतंकवाद के मसले पर बीजेपी और आप की राय में ज्यादा अंतर न होने से आप को दक्षिणपंथी रुझान रखने कुछ मतदाताओं का भी लाभ मिलता रहा है. इसका सबसे अच्छा प्रमाण पिछला गुजरात विधानसभा चुनाव का परिणाम है. बीजेपी के गढ़ वाले इस राज्य में साल 2022 में आम आदमी पार्टी 182 सीटों में 5 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल हुई, जबिक 12 फीसदी मतदाताओं पक्ष में मतदान किया था. 


5 साल पहले का रिकॉर्ड कांग्रेस के पक्ष में


बता दें कि एमपी विधानसभा चुनाव 2018 में कुल 230 सीटों में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के खाते में 109 सीटें गई थी और बीजेपी को 47.39 प्रतिशत मतदाताओं को समर्थन मिला था. कांग्रेस के पक्ष में 49.57 प्रतिशत मतदाताओं ने पक्ष में मतदान किया था. कांग्रेस के खाते में 114 सीटें गई थी. जबकि सात सीटों पर स्वतंत्र और बसपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 कांग्रेस को 200 में से बहुमत से एक सीट कम यानी 100 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी 99 सीटों पर जीत हालिस करने में कामयाब हुई थी. बसपा के खाते में छह और 21 सीटें अन्यों के खाते में गई थी. जहां तक छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम की बात है कि कुल 90 में से 68 सीटें कांग्रेस के खाते में, बीजेपी केवल 15 सीटें जीत पाईख् कांग्रेस छत्तीसगढ़ को 5 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाबी मिली थी, दो सीटों पर बीएसपी के प्रत्याशियों को दो सीटों पर जीत हालिस हुई थी.छत्तीसगढ़ में चौंकाने वाली बात यह है कि बीजेपी से 10 फीसदी ज्यादा मतदाताओं का समर्थन 15 साल बाद कांग्रेस को मिली थी. 


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