Delhi News: दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां आम आदमी पार्टी  के कार्यालय पर जलाने की घोषणा के कुछ घंटे बाद पार्टी ने अपने इस फैसले पर यूटर्न ले लिया है. अब पार्टी की ओर से कहा गया है कि हम इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएंगे, क्योंकि यह विषय न्यायालय में विचाराधीन है.


आप नीत दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को अध्यादेश के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शीर्ष अदालत में दायर याचिका में पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती दी है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह संविधान के मूल ढांचे को कमतर करने का केंद्र का असंवैधानिक प्रयास है. 


क्या कहा था सौरभ भारद्वाज ने


दिल्ली की आप सरकार ने अध्यादेश को रद्द करने के साथ-साथ उसपर अंतरिम रोक लगाने का भी अनुरोध किया है. दिन में आप ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीन जुaलाई को मध्य दिल्ली में पार्टी कार्यालय पर केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे. पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी.


प्रतियां जलाने से संबंधित सभी कार्यक्रम रद्द


वहीं पार्टी की ओर से देर शाम जारी एक बयान में पार्टी ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और आप का शीर्ष नेतृत्व ना तो प्रतियां जलाएगा और ना ही तीन जुलाई को अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लेगा क्योंकि मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. अध्यादेश से संबंधित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. 


सौरभ भारद्वाज ने लगाए थे ये आरोप


शुक्रवार को दिन में भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि केंद्र इस काले अध्यादेश के माध्यम से दिल्ली पर अवैध तरीके से नियंत्रण करने का प्रयास कर रहा है. पार्टी ने 11 जून को अध्यादेश के खिलाफ महारैली भी की थी.


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