Surajpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) जिले के दूरस्थ पहाड़ी वनांचल चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र में उल्टी-दस्त के प्रकोप से एक 60 वर्षीया महिला की बीती शाम मौत हो गई. वहीं एक ग्रामीण गंभीर है, और गांव के लगभग तीन दर्जन लोग उल्टी, दस्त, बुखार और दर्द से पीड़ित हैं. बिहारपुर क्षेत्र के लुल्ह ग्राम पंचायत में फुलकुंवर नाम की महिला की अचानक तबीयत खऱाब हो गई और पेट में मरोड़ होने लगा. देखते ही देखते उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई. इसके साथ ही एक अन्य ग्रामीण गोरेलाल चेरवा भी उल्टी और दस्त से पीड़ित हैं और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. 


यह भी जानकारी मिली है कि महिला के परिवार के अन्य सदस्य भी उल्टी और दस्त से पीड़ित हैं.  स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दोपहर बाद गांव पहुंचे और शिविर लगाकर ग्रामीणों की जांच शुरू कर उपचार किया. शिविर में लगभग 30-40 ग्रामीण उल्टी, दस्त, बुखार से पीड़ित मिले हैं. जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने उपचार कर जरूरी दवाईयां दे दी हैं. डॉक्टरों का कहना है कि मौसमी बीमारी के कारण गांव में एक साथ सभी लोगों का स्वास्थ्य खराब हुआ है. 


पेयजल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण
सूरजपुर जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र का यह एक ऐसा गांव जहां आज भी रहवासियों को पेयजल के लिए जूझना पड़ता है. आज भी यहां के लोग बरसात के मौसम में कुंआ का दूषित जल पीने के लिए मजबूर होते हैं. जिससे उन पर जल जनित संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है. अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि संभवतः दूषित जल पीने के कारण एक साथ ग्राम पंचायत लुल्ह के सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है. 


स्वच्छ पेयजल की जरूरत पर प्रशासन का नहीं ध्यान
दूसरी ओर यहां के ग्रामीण गांव में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार को लेकर कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन न तो शासन इस ओर कोई ध्यान देता है और न ही जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला खबर लेता है. जिससे यहां स्थिति जस की तस बनी हुई है. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन गांव में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है.


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