One Nation One Election: केंद्र देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार कर रहा है. वह इस महीने के अंत में संसद के आगामी विशेष सत्र में "एक राष्ट्र, एक चुनाव" विधेयक भी पेश कर सकती है. सरकार ने इस तरह की कवायद की व्यवहार्यता तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई है.


इन सबके बीच छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंह देव ने कहा है कि हाल ही में हुए कर्नाटक और हिमाचल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी जीत हासिल की है. अगर उनका उद्देश्य यह है कि इस सरकार को आगे काम नहीं करने देना है, तो यह आपत्तिजनक है. अचानक से नई व्यवस्था लाने पर हाल में हुए दूसरे राज्यों के चुनाव में जिन मतदाताओं ने अपना वोट देकर सरकार चुनी है, आप उसके विपरीत जा रहे हैं.



देश में एक साथ चुनाव होना यह कोई नई बात नहीं
आगे उन्होंने कहा कि  इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं होना चाहिए है, अगर उद्देश्य स्वच्छ है तो इस पर चर्चा हो सकती है.  देश में एक साथ चुनाव होना यह कोई नई बात नहीं है. देश में एक साथ चुनाव होना यह कोई नई बात नहीं है. 1952 से पहले जितने भी चुनाव हुए वह केंद्र और राज्य के एक साथ हुए. उस समय अलग-अलग समय पर चुनाव नहीं होते थे.


अंतर वहां आने लगा जब कोई सरकार बनने पर किसी कारणवश गिर जाती थी या भंग हो जाती थी, उस समय में मध्यवर्ती चुनाव होने के कारण एक साथ होने वाले विधानसभा और लोकसभा का चुनाव होने का सिलसिला टूट जाता है. 


'इसमें कई विकल्प हो सकते हैं'
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बात यह भी आ रही है कि अगर एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे तो कहीं इसमें देश के मुद्दा आगे और राज्य का मुद्दा पीछे ना रह जाए. हालांकि मुझे ऐसा लगता है कि जो नागरिक है, वह काफी बुद्धिजीवी और परिपक्व है. फिर भी ऐसा शक है तो पर्याप्त पार्लियामेंट का चुनाव कराएं फिर ढाई साल बाद राज्य का चुनाव करें. इसमें कई विकल्प हो सकते हैं, सभी पर चिंतन करें. सब की राय लें और इसमें संविधान का संशोधन लगेगा, इनमें कुछ धाराओं को भी बदलना पड़ेगा.


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