MP Surajpur Fraud Case: छत्तीसगढ़ की सूरजपुर पुलिस ने सेंट्रल बैंक के ग्राहकों से ठगी करने वाले कमीशन एजेंट को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी कमीशन एजेंट बैंक के ग्राहकों से 20 लाख रुपये से अधिक की राशि छलपूर्वक ठगी कर चुका है. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया उसने छल की रकम से भूमि खरीदी, दुकान मकान बनवाने के अलावा ट्रैक्टर खरीदी है.


इस मामले में बीते साल दिसंबर माह में अम्बिकापुर निवासी अधिवक्ता धनंजय मिश्रा ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया था. उन्होंने पुलिस की दी गई तहरीर में बताया था कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा महगंवा जिला सूरजपुर में अभिषेक प्रताप सिंह नाम का एक व्यवसायिक प्रतिनिधि है. वह बैंक में कमीशन एजेंट के रुप में कार्य करता है, लेकिन बैंक का कर्मचारी नहीं है. 


आरोपी ने की 20 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी
शिकायतकर्ता से आरोपी ने बैंक खाते में जमा कराने के नाम रकम लिए, लेकिन उनके खाते में प्राप्त राशि को नहीं जमा कराई. जांच के दौरान शिकायतकर्ताओ के आवेदन पत्र और जमा पर्ची का निरीक्षण करने पर पुलिस हैरान हो गई, क्योंकि आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह ने लोगों से रकम लेकर उनके खाते में जमा नहीं कराई.


इससे महगंवा सेंट्रल बैंक को भारी नुकसान हुआ, इसके उलट अभिषेक प्रताप सिंह को व्यक्तिगत लाभ मिला.   प्रथम दृष्टया करीब 20 लाख 57 हजार 600 रुपए का नुकसान का खुलासा हुआ है. आरोपी ने बैंक में रकम जमा करने आए लोगों की राशि को छलपूर्वक अपने पास लिया. इस दौरान उसने बैंक की फर्जी सील और फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए.


आरोपी ग्राहकों से ऐसे करता था ठगी
आरोपी के खिलाफ पुलिस धोखाधड़ी और जालसाजी करने को लेकर आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो और सीएसपी एसएस पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना सूरजपुर पुलिस मामले की विवेचना करते हुए आरोपी की पतासाजी में लगी थी. इसी बीच मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह को घेराबंदी कर पकड़ लिया. 


पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बैंक में जो ग्राहक जमाकर्ता पैसे जमा करने के लिए आते थे, उनकी जमा पर्ची पर बैंक की सील लगाकर अपना हस्ताक्षर कर पावती दे देता था और पैसे को अपने पास रख लेता था. बैंक ग्राहकों से जो रकम मिली, उस रकम से गांव में अपने पिता के नाम से जमीन खरीद ली. इसके अलावा मकान-दुकान बनवाया है और चाचा के नाम से ट्रैक्टर खरीदने के लिए पैसा दे दिया.


आरोपी के निशानदेही पर पुलिस ने सील, जमीन क्रय करने संबंधी दस्तावेज और ट्रैक्टर को जब्त कर लिया. पुलिस ने आरोपी के जरिये धोखाधड़ी की बात कुबूल करने पर आईपीसी की धारा 419, 467, 468, 471 के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.


आरोपी की बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत?
इस मामले में पीड़ितों ने बताया कि आरोपी के द्वारा बाकायदा बैंक के अंदर कर्मचारी के रूप में काम करता था. इतना ही नहीं आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह ग्राहकों से खाते में पैसा जमा कराने पर पावती की रसीद और सील लगा हस्ताक्षर लगा कर देता था. पीड़ितों के मुताबिक, इससे उन लोगों को फर्जीवाड़े का जरा भी एहसास नहीं हुआ.पीड़ितों को माने तो इसमें बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों की भी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है.


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