Chhattisgarh News: केन्द्रीय माल और सेवा कर ने इनपुट टैक्स क्रेडिट में फर्जीवाड़ा कर रहे है छत्तीसगढ़ के कंपनियों का खुलासा किया है. CGST की टीम ने रायपुर में 68.4 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा किया है. टैक्स चोरी कर 7 अलग-अलग फर्मों के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया है. इन फर्मों पर आरोप है कि माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे थे. इसलिए CGST ने कार्यवाही की है.


68 करोड़ टैक्स चोरी का खुलासा
दरअसल जीएसटी के तहत नकली आईटीसी बिल जारी करने वाली फर्मों के खिलाफ जारी एक बड़ा अभियान चलाया गया है. रायपुर सीजीएसटी आयुक्तालय ने 21 सितंबर को 68.04 करोड़ की कर चोरी का खुलासा किया है. सीजीएसटी के प्रधान आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया है कि छत्तीसगढ़ के बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेडिंग कंपनी, बद्री इंटरप्राइजेज, कुमार ट्रेडर्स और सिंह ब्रदर्स के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.


ऐसे करते थे कर चोरी
अधिकारियों ने ये भी बताया है कि ये फर्जी संस्थाएं किसी भी प्रकार के माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना आईटीसी प्राप्त करने और छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों के कई अन्य करदाताओं को आईटीसी पारित कर रही थीं. फर्जी आईटीसी रैकेट को संचालित करने वाले व्यक्तियों की जल्द ही पहचान करके कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.


क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम
गौरतलब है कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब ऐसे सिस्टम से है जिसमें आपको पहले कहीं चुकाए गए टैक्स के बदले क्रेडिट मिल जाते है. बाद में अगर कभी आपको टैक्स चुकाने की जरूरत पड़ती है तो पैसों के बदले इस क्रेडिट का इस्तेमाल कर सकते है. इस तरह से अपको एक वस्तु के कारोबार पर बार-बार टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा. जीएसटी एक्सपर्ट अजय गंगवानी ने बताया कि कोई उत्पाद बनाते है जिसके व्यापार में अपको 400 रुपए जीएसटी चुकाना पड़ता है. उस उत्पाद को बनाने के लिए जो माल खरीदा था उस पर पहले से ही आपने 200 रुपए जीएसटी चुका चुके है तो आपको अब केवल 200 रुपये जीएसटी ही चुकाना पड़ेगा. 



यह भी पढ़ें:
Chhattisgarh: शराब तस्करी मामले में BJP नेता की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ की सियासत गर्म, पार्टी ने क्या कहा?


Bilaspur News: बिलासपुर पुलिस रात में चला रही विशेष अभियान, जांच में बरामद किया 20 लाख कैश और पिस्टल