Raigarh Court News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में दुर्घटना बीमा का भुगतान नहीं करने वाले चोमा मंडल फाइनेंस कंपनी को करीब 15 लाख का बीमित राशि देना होगा. इसके साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति 5 हजार और 3 हजार वाद व्यय देना होगा. 


हादसे में बाइक सवार की मौत हो गई थी. जिसके बाद इंश्योरेंस की राशि के लिए परिजनों ने कंपनी में क्लेम किया. जहां दावा को कंपनी ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने आवेदक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए तय समय में भुगतान करने कहा है.


बीमा राशि प्राप्त करने की अधिकारिणी है
मामले में बताया गया कि आवेदक रूकमणी नायक के पति श्याम कुमार नायक के वाहन क्रमांक सीजी 13 एजे 2194 का दुर्घटना बीमा 18 नवंबर 2019 से 17 नवंबर 2024 तक करवाया गया था. उक्त व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा पॉलिसी वैधता अवधि में यदि मालिक और चालक की मृत्यु हो जाती है या उक्त पॉलिसी के अनुसार, 15 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा था. उसके पति श्याम कुमार नायक की उक्त बीमा पॉलिसी वैधता अवधि में 17 फरवरी 2020 को मोटरसाइकिल से दुर्घटना त्मक मृत्यु हुई है, इसलिए वह बीमा राशि प्राप्त करने की अधिकारिणी है. 


कार्रवाई होने का तथ्य होता है प्रमाणित
अपने उपरोक्त कथन, जो उसके शपथपत्र से समर्थित है, की सत्यता प्रमाणित करने के लिए आवेदन ने प्रकरण में एफ.आई.आर. रिपोर्ट, अकाल मृत्यु की सूचना, शव परीक्षण के लिए आवेदन व रिपोर्ट, मृतक की ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन से संबंधित बीमा पॉलिसी, मृत्यु प्रमाणपत्र, अधिवक्ता नोटिस आदि दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं. जिससे उसके पति के उपरोक्त वाहन के बीमित होने पर आवेदक के पति श्याम कुमार नायक की बीमा पॉलिसी वैधता अवधि में दुर्घटनात्मक मृत्यु होने और उस पर संबंधित पुलिस थाना द्वारा कार्रवाई होने का तथ्य दस्तावेज के रूप से प्रमाणित होता है.


लगेगा 6 फीसदी ब्याज
दोनों पक्षों की सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया है. कहा है कि आवेदन बीमा कंपनी परिवादिनी को आदेश तिथि से 45 दिन की अवधि के भीतर प्रश्नाधीन बीमा की बीमा दावा राशि 15 लाख रुपये प्रदान करेगा. निर्धारित अवधि में उक्त रकम की अदायगी न करने की स्थिति में उक्त रकम आदेश दिनांक से अदायगी दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज भी देय होगा. बीमा कंपनी आवेदक को मानसिक अभित्रास की क्षतिपूर्ति राशि के रूप में 5 हजार एवं वाद व्यय के रूप में तीन हजार भी पृथक से प्रदान करेगा.


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