CGPSC Exam 2023 Viral Question: छत्तीसगढ़ में 12 फरवरी को लोकसेवा आयोग का पेपर हुआ था. इसमें एक लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया है. इस पेपर पर बीजेपी ने बड़ा सवाल उठाया है. प्रश्नों के स्तर पर सवाल उठाया है इसके अलावा इसके पीछे पूर्व कलेक्टर और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने इसके पीछे भ्रष्टाचार की आशंका जताई है. इसके बाद से एक बार फिर पीएससी सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल, 12 फरवरी को लोकसेवा आयोग ने 189 पद के लिए राज्य के 28 जिलों में प्रारंभिक परीक्षा ली है. इसमें 10 से 12 बजे पहले चरण में जनरल स्टडी का पेपर हुआ था. इसके बाद 3 से 5 दूसरे चरण में सी-सेट का पेपर हुआ था.


परीक्षा के बाद अब इसमें सियासत शुरू हो गई है. कलेक्टर रह चुके ओपी चौधरी ने पीएससी के सवालों को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कुछ प्रश्नों में सही विकल्प ही नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि कलचुरी वंश से संबंधित प्रश्न में सन 1,741 के स्थान सन 1,941 लिखकर विकल्प में 200 वर्षों का आश्चर्यजनक अंतर रखा गया है. अब बच्चों से यह पूछा जा रहा है कि राजनांदगांव में सीएम ने भेंट मुलाकात कब की है. आत्ममुग्धता और अप्रासंगिक तथ्यों के साथ यह सब जानबूझकर इसीलिए किया जा रहा है कि ज्यादा प्रश्न गलत और स्तरहीन पूछ कर भ्रष्टाचार की परिस्थितियों को निर्मित किया जा सके. 


ओपी चौधरी ने इन प्रश्नों पर उठाया सवाल
छत्तीसगढ़ प्रदेश बीजेपी महामंत्री ओपी चौधरी ने आगे कहा कि पीएससी के सवाल राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ की पीएससी भ्रष्टाचार, स्तरहीनता की पराकाष्ठा को पार कर रही है. यह गांव-गांव से आए बच्चों और उनके माता-पिता के साथ सबसे बड़ा अन्याय है. प्रश्न क्रमांक 66 में देखेंगे कि ब्रिटिश कैप्टन सेंडीज ने कौन सी ताहुतदारी का निर्माण किया, इसमें सही विकल्प लोरमी और तरेंगा का जिक्र किसी भी विकल्प में नहीं है.


प्रश्न क्रमांक 57 में पूछा गया कि राजनांदगांव जिले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम किस तारीख को संपन्न हुआ. इस तरह के अनेक अप्रासंगिक प्रश्न किए गए. प्रश्न क्रमांक 56 में देखेंगे कि 4 जुलाई 2022 तक भुइया पोर्टल में व्यक्तिगत वनाधिकार के कितने पत्र अपलोड हुए. इस तरह प्रत्येक अलग अलग तारीख को कितना अपलोड हो रहा है, यह दुनिया में क्या कोई याद कर सकता है. इस तरह के अप्रासंगिक और स्तरहीन प्रश्न पूछकर पीएससी में भ्रष्टाचार की परिस्थितियों को उत्पन्न किया जा रहा है.


पीएससी के विशेषज्ञों को ब्लैकलिस्ट करने की मांग
सीजी पीएससी के अभ्यर्थी यस वाधवा ने बताया कि स्तरहीन हीन सवाल पूछे गए थे. चारों के विकल्प गलत दिया गया है. आईक्यू वाले प्रश्न होने चाहिए था. इस तरह के प्रश्नों से पीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहा है. इतने समय से पेपर बना रहे है. राज्य गठन के बाद से इसी तरह प्रश्न पूछे जा रहे हैं. पीएससी का स्तर लगातार गिरते जा रहा है. हम लोगों ने सुझाव दिया था कि इंटरनली पेपर की गुणवत्ता को चेक किया जाना चाहिए. ऐसे सवाल बनाने वाले पीएससी के विशेषज्ञों को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए है.


9 प्रश्न हो सकते है इस बार विलोपित
यश वाधवा ने आगे कहा कि जनरल स्टडी के 100 प्रश्न पूछे गए थे. इसमें से 8 से 9 प्रश्न विलोपित किया जा सकता है. अटेंप्ट करने वाले और अटेंप्ट नहीं करने वाले को नंबर बांट दिया जाएगा, लेकिन जो विलोपन नियम है ये एक समाधान नहीं है. इससे जिसने सवाल अटेम्प्ट किया है उसका समय बर्बाद हुआ है वो इस प्रतियोगिता से बाहर हो सकता है. पीएससी में एक एक मिनट बहुत अहम होते है. 



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