Chhattisgarh News: दिल्ली में नए संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) ने उद्घाटन किया है. इस समारोह को विपक्ष ने पूरी तरह से किनारा कर दिया है. क्योंकि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति (President) के हाथों नहीं हुआ है. इसको लेकर कांग्रेस बीजेपी (BJP) पर राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगा रहे है. इस मामले में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन भी किया है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को संविधान विरोधी बताकर मरीन ड्राइव में जल सत्याग्रह किया है. 


रायपुर में कांग्रेस का जल सत्याग्रह
दरअसल शनिवार को देश को नया संसद भवन मिल गया है. इसके उद्घाटन को बड़े धूमधाम से बीजेपी ने किया है. लेकिन इस प्रोग्राम में देश की राष्ट्रपति शामिल नहीं हुई. इस लिए कांग्रेस (Congress) ने नए संसद भवन का विरोध किया गया है. राजधानी रायपुर में आज दोपहर तेज धूप में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तख्ती पकड़ कर मरीन ड्राइव में जल सत्याग्रह किया. इस सत्याग्रह का नेतृत्व कांग्रेस नेता विनोद तिवारी कर रहे थे. 


बीजेपी SC/ST समुदाय का उपयोग वोट बैंक के लिए करती है
इस जल सत्याग्रह को लेकर कांग्रेस के नेता विनोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के साथ देश के 20 दलों ने संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा न कराये जाने पर विरोध स्वरूप कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए विनोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ चुनाव जीतने और वोट का लाभ लेने के लिए राष्ट्रपति पद पर SC/ST समुदाय का चयन किया है.नए संसद भवन की आधारशिला के समय भी तात्कालिक राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को निमंत्रण नहीं दिया गया और अब नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है तो वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नही किया गया. यह बहुत शर्म और दुख का विषय है.


भारत के राष्ट्रपति के अधिकारों का हनन किया है.
विनोद तिवारी ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार संविधान की हत्या कर रही है, राष्ट्रपति के अधिकारों का हनन किया जा रहा है भाजपा एक तरफ़ कहती हैं की देश को विश्व गुरु बनाएंगे दूसरी तरफ़ विश्व में ये संदेश जा रहा है. आगे जब भी इतिहास पढ़ा जाएगा तो ये भी पढ़ा जायेगा की केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार ने भारत के राष्ट्रपति के अधिकारों का हनन किया है. बीजेपी संविधान को नहीं मानती है.


संसद की नई बिल्डिंग की क्या है खासियत?
गौरतलब है कि नए संसद भवन को 2020 में बनाने का काम शुरू हुआ था जो अब बनकर तैयार हो गया है. इस नई बिल्डिंग में लोकसभा और राज्यसभा के लिए दो अलग अलग चेंबर होंगे पुरानी बिल्डिंग की तरह ही. लोकसभा में एक साथ 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्यसभा के चेंबर में एक आठ 384 लोग बैठ सकते है. इसके अलावा संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा चेंबर में ही बैठक व्यवस्था होगी. क्योंकि जरूरत के अनुसार लोकसभा में सीटों की संख्या बढ़ाया जा सकता है.


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