Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की पहली विधानसभा भरतपुर-सोनहत में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावों की पोल रोजाना खुल रही है. सरकारी स्कूल के बच्चे जिनके हाथों में कलम और पुस्तक होनी चाहिए. वहां शिक्षको के द्वारा उन बच्चों को झाड़ू पकड़ा दिया गया है. इन स्कूलों में शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के बजाय उनसे स्कूल की साफ-सफाई करवाते हैं. यही नहीं शिक्षिक खुद ही खड़े होकर दिशा निर्देश देते हैं. स्कूल में सफाई कर्मचारी होने के बावजूद स्कूल के बच्चों को स्कूल में झाड़ू लगाना पड़ता है.


दरअसल, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के भरतपुर ब्लॉक के डोंगरी टोला प्राथमिक शाला स्कूल में बच्चों से काम कराया जा रहा है. स्कूल में सफाई कर्मचारी होने के बावजूद ऐसा क्या कारण है कि स्कूल की सफाई कर्मचारी से काम ना कराकर स्कूल के नौनिहाल बच्चों से करवाई जा रही है. शासकीय प्राथमिक शाला डोंगरी टोला स्कूल में 53 बच्चें हैं. उन बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक पदस्थ हैं. वहीं आरोप है कि स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक मनमाने ढंग से स्कूल आते हैं या कभी आते ही नहीं है.


मैडम से  पूछा सवाल तो साधी चुप्पी
वहीं देखा गया कि स्कूल के पास कुछ एक्सपायरी दवाई और गोली फेंकी गई है, जोकि स्कूल के बगल में खुले में फेंकवा दी गई. अगर कोई छात्र उस दवाई को खा लेता है और किसी प्रकार की कोई घटना हो जाती है, तो उसकी जवाबदारी किसकी होगी. वहीं जो मैडम स्कूल की साफ-सफाई बच्चों से करवा रही थीं. जब उनसे पूछा गया कि आप स्कूल की साफ-सफाई नौनिहाल बच्चों से क्यों करा रहे हैं तो मैडम ने चुप्पी साध ली. 


शिक्षिका ज्योति तिवारी ने कहा कि स्वीपर की गलती है. दवाई को बाहर फेंका तो उसे गड़ा देना चाहिए. वहीं संकुल प्राचार्य अशोक सिंह ने कहा कि साफ सफाई करवाना स्वीपर का काम होता है. ये काम बच्चों से नहीं करवाया जा सकता. कार्रवाई की जाएगी.


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