छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने अग्रवाल और सिंधी समाज के महापुरुषों और देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी (जेसीपी) के अध्यक्ष अमित बघेल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज संवाददाताओं को बताया, ‘‘अमित बघेल ने कई धर्म, सम्प्रदाय के विषय में गलत टिप्पणी की थी. अमित बघेल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी. आज उनकी गिरफ्तारी हुई है. ’’

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गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड

देवेंद्र नगर के थाना प्रभारी जितेंद्र असैया ने बताया कि बघेल आज आत्मसमर्पण करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रायपुर के देवेंद्र नगर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत पारस नगर चौक से गिरफ्तार कर लिया. असैया ने बताया कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह पिछले कई दिनों से फरार थे. उन्होंने बताया कि बघेल के खिलाफ रायपुर के तेलीबांधा, देवेंद्र नगर और कोतवाली थाने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि बघेल को यहां स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. असैया ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद बघेल पथरी गांव में अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे, जिनका शुक्रवार सुबह निधन हो गया था.

धार्मिक टिप्पणी और शिकायतें

उन्होंने बताया कि इस वर्ष अक्टूबर में बघेल पर रायपुर के शहर कोतवाली और देवेंद्र नगर थाने में दो अलग-अलग शिकायतों के आधार पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था. अधिकारी ने बताया कि रायपुर के तेलीबांधा इलाके में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने 26 अक्टूबर को कथित तौर पर अग्रवाल और सिंधी समाज के महापुरुष महाराजा अग्रसेन और भगवान झूलेलाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की. इसके बाद अग्रवाल और सिंधी समाज के लोगों ने पुलिस में शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया कि बघेल की टिप्पणियों से अग्रवाल और सिंधी समाज की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है.

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प्रतिमा तोड़ने और सामाजिक प्रतिक्रिया

तेलीबांधा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत वीआईपी चौक पर राम मंदिर के करीब स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा खंडित होने की घटना के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था. पारंपरिक रूप से हरे रंग की साड़ी पहने हुए, एक हाथ में धान की बाली और हंसिया पकड़े हुए तथा दूसरे हाथ से आशीर्वाद की मुद्रा वाली छत्तीसगढ़ महतारी (मां) की प्रतिमा पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य के विभिन्न शहरों में स्थापित की गई थीं.

प्रतिमा खंडित होने की घटना के बाद एक गैर-राजनीतिक संगठन, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और उसकी राजनीतिक शाखा - जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के सदस्य मौके पर जमा हुए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया तथा इस कृत्य को ‘‘छत्तीसगढ़ की पहचान और संस्कृति पर हमला’’ बताया. बाद में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सदस्य अमित बघेल ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि राज्य में महाराजा अग्रसेन, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमाओं को क्यों तोड़ा और उनका अपमान नहीं किया जाता. उन्होंने कथित तौर पर महाराजा अग्रसेन और भगवान झूलेलाल पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. बाद में पुलिस ने प्रतिमा तोड़ने के आरोप में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसे मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है.