छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार (3 दिसंबर) को शुरू हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ गुरुवार (4 दिसंबर) सुबह तक चलती रही. इस लंबी और भीषण मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 18 नक्सलियों को मार गिराया. इनमें 9 महिला नक्सली भी शामिल थीं. मारे गए नक्सलियों में से 16 की पहचान कर ली गई है. सभी PLGA बटालियन नंबर-2 के सक्रिय कैडर थे. इन पर कुल 1 करोड़ 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
वेल्ला मोडियाम समेत कई बड़े नक्सली कमांडर ढेर
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में PLGA कंपनी नंबर-2 का कमांडर वेल्ला मोडियाम भी शामिल है, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था और बीजापुर जिले में उस पर 44 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे.
इसके अलावा प्लाटून नंबर-13 के कमांडर DVCM झितरू ओयाम और DVCM मोटू कवासी भी मार गिराए गए. इनकी तलाश सुरक्षा बलों को लंबे समय से थी. ये सभी पश्चिम बस्तर डिवीजन के सक्रिय माओवादी थे.
सूचना के बाद शुरू हुआ बड़ा सर्च ऑपरेशन
बस्तर के IG सुंदरराज पी ने बताया कि पुलिस को खबर मिली थी कि कचीलवार-पोटेनार के जंगलों में PLGA कंपनी नंबर-2 का कमांडर वेल्ला मोडियाम अपने करीब 25–30 माओवादी कैडरों के साथ मौजूद है. सूचना के बाद DRG, STF और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीमों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया.
सुबह 9 बजे फायरिंग शुरू हुई और रात भर रुक-रुक कर दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं. गुरुवार सुबह करीब 8 बजे तक मुठभेड़ जारी रही.
मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद
सुरक्षा बलों को मौके से 19 हथियार मिले हैं, जिनमें 4 AK-47, 1 लाइट मशीन गन, 4 SLR, 3 नॉट-3 राइफल, इंसास और 12 बोर गन. इसके अलावा बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सलियों के दैनिक उपयोग के सामान भी बरामद किए गए.
IG सुंदरराज पी ने कहा कि यह पिछले कुछ वर्षों में बस्तर क्षेत्र में हुई सबसे बड़ी सफल कार्रवाई में से एक है.
DRG के तीन जवान शहीद, तीन घायल
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की, लेकिन इसकी कीमत तीन जवानों की शहादत के रूप में चुकानी पड़ी. शहीद जवानों में मोनू बड़दी, दूकरू राम गोंडे, रमेश सोढ़ी शामिल हैं. तीनों वीरों को बीजापुर पुलिस लाइन स्थित शहीद वाटिका में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई.
तीन अन्य जवान ASI जनार्दन कोर, आरक्षक सोनदेव यादव और आरक्षक रामलू हेमला घायल हुए हैं. इन्हें हेलीकॉप्टर से रायपुर रेफर किया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक सभी की स्थिति खतरे से बाहर है.
नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील
IG सुंदरराज पी ने बताया कि पुलिस, सुरक्षा बलों और ग्रामीणों के बीच मजबूत समन्वय के चलते नक्सल विरोधी अभियान अब पूरी ताकत के साथ चल रहा है. उन्होंने कहा कि माओवादी संगठन पूरी तरह घिर चुका है, अब हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.
उन्होंने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक बस्तर संभाग में हुई कार्रवाइयों में 469 माओवादी कैडरों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें कई बड़े नेता भी शामिल हैं. यह क्षेत्र में माओवादी प्रभाव कमजोर होने का संकेत है.
IG ने कहा कि सरकार और सुरक्षा बलों की प्राथमिकता है कि दूरस्थ क्षेत्रों को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त किया जाए, शांति व्यवस्था मजबूत हो और विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ें. उनका कहना है कि बस्तर के लोग अब खुलकर हिंसा के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, जो नक्सलवाद के अंत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.