IT Raids in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) और उनके करीबियों के घरों में चल रही इनकम टैक्स की छापेमारी (Income Tax Raid) पांच दिनों के बाद रविवार (4 फरवरी) की शाम को समाप्त हो गई. इस बीच छापेमारी को लेकर अमरजीत भगत ने कहा कि 'यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक थी. मेरे संज्ञान में छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह किसी आदिवासी नेता या मंत्री के यहां पड़ा पहला छापा है. यहां न कुछ मिला, न कुछ हासिल हुआ. हमारी तरफ से चुनाव में संपत्ति का जो ब्यौरा दिया गया था, उतना ही मिला है.'


अमरजीत भगत ने एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि 'जो राशि जब्त बताई जा रही है, वह मेरे खाते से निकली हुई है. यह कार्रवाई राहुल गांधी की न्याय यात्रा को विपल करने और लोगों की आवाज दबाने, लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम न डरेंगे, न झुकेंगे.' उन्होंने आगे कहा कि लोग चर्चा कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में अमरजीत भगत जीतने वाले प्रबल प्रत्याशी हो सकते हैं, इन्हीं सब से डर कर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है.






कहां-कहां पड़ा था छापा?
दरअसल 31 जनवरी की सुबह तड़के लगभग 6 बजे के आसपास आईटी विभाग के 50 से ज्यादा अधिकारियों ने पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के अंबिकापुर, सूरजपुर, सीतापुर सहित रायपुर के घरों और पाईप फैक्ट्री में छापा मार कार्रवाई को अंजाम दिया था. इस दौरान आईटी की कार्रवाई उनके निजी सचिव राजेश वर्मा, उपनिरीक्षक रूपेश नारंग, सिविल इंजीनियर प्रमोद टोप्पो, ड्राइवर महेंद्र, कांग्रेस नेता दिलीप धर, बीजेपी नेता संदीप घोष, निजी सहायक डॉ. फ्रेंकलिन टोप्पो और कांग्रेस नेता और लकड़ी व्यावसायिक राजीव अग्रवाल के घरों और उनके कार्यालय में एक साथ की गई थी.



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