Gariaband News: छत्तीसगढ़  (Chhattisgarh) में भीषण गर्मी पड़ रही है. गरियाबंद में जंगलों में आग लग गई है और आग बुझाने वाले वन रक्षक हड़ताल पर चले गए है. इससे वन्य जीव, जंगली लकड़ी और वनोपज के भारी नुकसान की आशंका है. गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी अभ्यारण्य (Udanti Sitanadi Sanctuary) के कई इलाकों में पिछले एक सप्ताह से आग लगी हुई है. 


हड़ताल पर वन कर्मचारी
दरअसल जिले के उदंती सीतानदी अभ्यारण्य और सामान्य वन मण्डल के 400 वन रक्षक हड़ताल पर चले गए हैं. इसी तरह पूरे प्रदेश की बात करें तो करीब 15 हजार की संख्या में वन कर्मचारी 21 मार्च से हड़ताल पर चले गए है. इसका असर अब जंगलों में दिखने लगा है. अभ्यारण्य के इंदागांव, तौरेंगा, उत्तर उदंती के अलावा सामान्य वन मण्डल के कई जंगलों में पिछले एक सप्ताह से भीषण आग लगी हुई है. आग बुझाने के लिए केवल वन चौकीदार और फायर वाचर ही फील्ड में मौजूद हैं.


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बड़े जंगल में 4 लोग पहुंचे आग बुझाने
जिले के साढ़े 3 लाख हेक्टेयर में फैले जंगलों की सुरक्षा गिनती के फायर वाचर के भरोसे है जो आग बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. मैनपुर परिक्षेत्र में आग बुझाने पहुंचे फायर वाचर बिहारी लाल पुजारी ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से आग लगी है. हर 10-10 किलोमीटर के अंतराल में आग लगी हुई है. हम चार लोग आए हैं और आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन नहीं बुझा रहा है. आग की चपेट में छोटे पौधों के अलावा अब जलाऊ वकच्चे पेड़ की कीमती लकड़ी जल रही है. अभी तक कोई रेंजर मौके पर नहीं आए है. 


40 प्रतिशत जंगल में आग लगने का दावा
जंगलों में आग लगने के पीछे प्रमुख कारणों में लघु वनोपज संग्रहण के दौरान पेड़ के नीचे लगाई जाने वाली आग को बताया जा रहा है. वनवासी महुआ बीनने जाते हैं तो पेड़ की नीचे घास फूस को साफ करने के लिए आग लगा देते हैं. कई बार वनवासी बिना आग बुझाए जंगल से वापस आ जाते हैं और चिंगारी पूरे जंगल में आग फैल जाती है.जिले के वन कर्मचारी संघ के डोमार सिंह कश्यप ने दावा किया है कि 10 दिनों में 40 प्रतिशत जंगलों में आग लग चुकी है. जबतक हमारी मांग पूरी नहीं होंगी तब तक हम जंगल नहीं जाएंगे.


सैटलाइट से मिल रहा आग लगने का अलर्ट
जंगलों में आग लगने और वन रक्षक के हड़ताल पर चले जाने से वन अधिकारी बेचैन हैं. वे लगातार सैटलाइट से जंगलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उदंती सीतानदी अभ्यारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि, फायर वाचर और वन प्रबंधन समिति के सक्रिय सदस्यों की मदद से जंगलों की आग बुझाने की कार्यवाही की जा रही है. 6 बार सैटेलाइट पास होती है. एफएसआई के मध्यम से अलर्ट मिल जाता है. लोकेशन पता चलने पर फायर वाचर को आग बुझाने के लिए भेजा जा रहा है. अभी ज्यादा नुकसान नहीं है झाड़ और घांस जल रहे हैं. उम्मीद कर रहे हैं कि जल्दी से वन रक्षक फील्ड पर लौटें. 


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